आठवी फेल लड़का जिसने बस 21 साल की उम्र में खड़ी कर दी करोड़ों की कम्पनी, घर वालों को भी नहीं था इस पर यकीन..! आखिर घर का खोटा सिक्का ही काम आया।
स्कूल में जब बच्चे फेल हो जाते हैं तब वे काफी निराश हो जाते हैं लोग उन्हें कहते हैं कि है कुछ नहीं कर सकता है जिससे बच्चों में हीन भावना आ जाती है। क्लास में यदि अच्छे नंबर नहीं आते हैं तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आपकी जिंदगी ही खत्म हो गई है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है साइबर सिक्योरिटी कंपनी के सीईओ त्रिशनीत अरोड़ा।
त्रिशनीत अरोरा लुधियाना के रहने वाले हैं बचपन से इनकी पढ़ने लिखने में ज्यादा रुचि नहीं थी लेकिन हां कंप्यूटर के दीवाने थे आप सोच रहे होंगे कि इन्हें कंप्यूटर का दीवाना क्यों कह रहे हैं तो हम आपको बता दें कि यह कंप्यूटर की बुक के अलावा किसी और बुक को छूते तक नहीं थे जिसका परिणाम यह हुआ कि यह आठवीं कक्षा में फेल हो गए। इनके माता-पिता ने उनको बहुत समझाया लेकिन नहीं समझे फेल होने के बाद इन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इन्होंने अपनी 12th क्लास कॉरेस्पोंडेंस कोर्स से की।
त्रिशनीत कंप्यूटर की पढ़ाई के द्वारा ही कुछ करना चाहते थे। 19 साल की उम्र में ही उन्होंने कंप्यूटर में अपना पहला काम किया और 60 हजार सैलरी प्राप्त की। अपना सारा टाइम कंप्यूटर को ही दिया और आगे चलकर बहुत बड़े एथिकल हैकर बने। इसके बाद त्रिशनीत ने अपनी खुद की टैक सिक्योरिटी कंपनी खोली और आज ही है कंपनी लाखों-करोड़ों कम आती है।
त्रिशनीत ने हैकिंग टॉक विद त्रिशनीत अरोड़ा और दी हैकिंग एरा नाम की 2 बुक्स भी लिखी। 21 साल के त्रिशनीत आज जिस भी मुकाम पर हैं आज इन्हें सारी दुनिया जानती है। त्रिशनीत का कहना है कि यदि व्यक्ति में किसी भी चीज को पाने का जुनून हो और पूरी मेहनत से उस सपने को पानी में लग जाते हैं उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।