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पिता को काम से थके आते देखकर, 13 साल के बच्चे ने 24 घंटे के अंदर खड़ा कर दिया अपना बिजनेस, लोगों को भी रोजगार दिया-banner
Nidhi Jangir Author photo BY: NIDHI JANGIR 746 | 2 | 2 years ago

पिता को काम से थके आते देखकर, 13 साल के बच्चे ने 24 घंटे के अंदर खड़ा कर दिया अपना बिजनेस, लोगों को भी रोजगार दिया

पापा का दर्द देख 13 वर्ष के बच्चे ने खड़ी कर दी अपनी कंपनी, 2 साल में 100 करोड़ कमाने का टारगेट किया पूरा

एक बच्चा जिसने अपनी टीनएज में कदम रखते ही बिजनेसमैन बन गया, आप में से अधिकतर लोगों को तो भरोसा ही नहीं हो रहा होगा लेकिन  यह सब सच कर दिखाया है मुंबई के रहने वाले 13 साल के तिलक मेहता ने। इसमें सबसे पहले सामानों की डिलीवरी के स्टार्टअप के लिए पेपर्स एंड पार्सल्स’ (PnP) नाम से  अपनी खुद की कम्पनी खोली।

कैसे शुरू किया बिज़नस
तिलक मेहता का जन्म 2006 में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ आठवीं क्लास में जब तिलक अपने पिता को काम से थका हारा आते देखता था तो वह खुद भी बहुत परेशान हो जाता था वह सोचता था कि मैं अपने पिता की मदद भी नहीं कर पाता हूं। तिलक ने एक बार बताया कि जब मुझे किताबों की जरूरत थी और पिता रोज की तरह थके हुए घर आए इसलिए मैं उनसे इस बारे में बात नहीं की और इनके अलावा कोई और दूसरा ऐसा भी नहीं था जिसे मैं यह बात कह सकू। तिलक ने इसी आइडिया को बिजनेस बनाकर अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर दी। तिलक के मुताबिक उसने मुंबई में 24 घंटों के अंदर छोटे-छोटे सामान पहुंचाने के लिए स्टार्टअप कंपनी खोलने का आइडिया आया।

बैंक के वर्कर से इस विषय में बात की

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तिलक को अपनी कंपनी शुरू करने के लिए बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी रखने वाले व्यक्ति की जरूरत थी इसलिए तिलक नहीं अपना यह आइडिया बैंक वर्कर घनश्याम पारीक के साथ साझा किया। तिलक का आईडिया सुनकर इस बैंक कर्मी ने अपनी बैंक की जॉब छोड़ दी और तिलक के साथ उसके इस बिजनेस को आगे बढ़ाने में लग गया। पार्सल को 24 घंटे के अंदर उसके स्थान तक पहुंचाने के लिए तिलक ने मुंबई के डिब्बे वालों के साथ हाथ मिलाकर एक बड़ा नेटवर्क बना लिया। ऋषभ सीलिंक’ नामक जिस लॉजिस्टिक्स कंपनी में तिलक के फादर सीईओ थे तिलक वहां भी जॉब कर सकता था, लेकिन तिलक ने ऐसा नहीं किया और अपना खुद का बिजनेस रातों-रात खड़ा कर दिया।

हर दिन 1000 से ज्यादा सामान पार्सल करता था
पीएनबी मेन फॉर्म एक मोबाइल एप्लीकेशन है इसके वर्कर्स की संख्या 200 से ज्यादा है, इसकी कंपनी में 300 से ज्यादा डब्बे वाले भी इस कंपनी से जुड़े हुए हैं जिनके माध्यम से हर रोज हजार से ज्यादा सामान पार्सल किए जाते हैं।
डिब्बावाले का करते हैं मदद

डब्बे वालों की अहम भूमिका
तिलक की इस कंपनी में डब्बे वाले अपनी अहम भूमिका देकर इसकी आए बढ़ा सकते हैं। मुंबई डिब्बा वाले के स्पोर्ट्समैन ने कहा कि हजारों डब्बे वाले इस काम से जुड़ गए हैं वह एक साथ दो काम करके इस कंपनी की इनकम को इनक्रीस कर सकते हैं।

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