डॉक्टरी छोड़ कि UPSC परीक्षा की तैयारी, द्वितीय रैंक हासिल कर पहले प्रयास में बनी IAS
हम सब जानते हैं कि यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम बहुत हार्ड और प्रेस्टीजियस एग्जाम्स में से एक है। इस परीक्षा में पास करने के लिए स्टूडेंट्स को बहुत मेहनत करनी पड़ती है इस एग्जाम्स को पास करने के लिए एक अलग ही जुनून चाहिए होता है। आपको एक ऐसे ही आईपीएस ऑफिसर की कहानी सुनाने जा रहे हैं इनका नाम है रेनू राज। इन्होंने केरल के कोट्टायम के सैंट टैरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी प्राइमरी एजुकेशन प्राप्त की ट्वेल्थ पास करने के बाद रेनू ने आगे की पढ़ाई के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया।
आप ने कुछ ऐसे स्टूडेंट्स को भी देखा होगा जो अच्छी जॉब लगने के बाद भी सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करते हैं। रेनू पहले से ही एक डॉक्टर थी इसके बावजूद भी यूपीएससी एग्जाम दिया था। एग्जाम में वह पास ही नहीं हुई बल्कि इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की और आज एक आईपीएस ऑफिसर है। रेनू के पिता सरकारी जॉब में है जबकि मां एक हाउसवाइफ है रेनू की दो बड़ी बहनें हैं और उनके हस्बैंड एक डॉक्टर है।
रेनू बचपन से ही एक आईपीएस ऑफिसर बनने की चाह रखती थी। जब वह एक डॉक्टर बनी तब भी उन्होंने अपना यह सपना नहीं तोड़ा और अपनी मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। रेनू दलित वर्ग के लिए कुछ करना चाहती है । इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि वह डॉक्टर होने के नाते सिर्फ 40 से 100 लोगों को ही सेवा दे सकती है लेकिन आईपीएस बनकर वह हजारों लोगों जीवन को नई दिशा दे सकती है।
जिस समय वह आईपीएस टॉपर बनी थी उस समय वह एक डॉक्टर के पद पर कार्यरत थी। रेनू ने बताया कि वह 3 से 6 घंटे रोज पढ़ाई करती थी लेकिन तैयारी ठीक से नहीं हो पा रही थी इसलिए उन्हें डॉक्टर की नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम में अपना बेस्ट देना था। प्री एग्जाम में पास होने के बाद रेणु ने फिर से अपनी नौकरी ज्वाइन की और रोज़ दो-तीन घंटे पढ़ाई किया करती थी और आज वह एक आईपीएस के पद पर हैं।