एमएनसी छोड़ किया खुद का काम, आज कमा रहे हैं सालाना लाखों! इंजीनियर बाबू की कहानी।
जब किसी इंसान को अपने आप पर पूरा विश्वास होता है तो उसे सफलता का सामना बहुत कम देखना पड़ता है। ऐसा ही वाक्य एक कंप्यूटर साइंस अभियंता के साथ हुआ जिसने एक स्टार्टअप की शुरुआत की। और उसमें सफल भी हुआ। क्योंकि वह अपने आइडिया को लेकर रिस्क लेना चाहता था। और उसे अपने इस आईडिया पर कहीं ना कहीं पूर्ण विश्वास था। जिस कारण आज इस व्यक्ति ने 15 लाख से शुरुआत करके अपने बिजनेस को 70 लाख के सालाना टर्नओवर पर ला खड़ा कर दिया।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें मंडी के इंजीनियर अश्विनी राठी ने CM स्टार्टअप योजना के अंतर्गत 15 लाख रुपए का अपना व्यापार प्रारंभ किया। जिसमें अश्विनी राठी ने स्लेट के छोटे-छोटे टुकड़ों का उपयोग करके टाइल बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने कभी नहीं सोचा था, कि पहले ही स्टार्टअप से उनका कारोबार इतना अच्छा चलने लगेगा। उन्होंने काम ही नहीं बल्कि 15 लोगों को रोजगार भी दिया। इनके द्वारा बनाई गई टाइल (मोजेक) लोगों को खूब पसंद आई। यही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल समेत कई राज्यों से मोजेक की डिमांड बढ़ने लगी।
भास्कर टीम की रिपोर्ट के मुताबिक अश्विनी ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक (MDU) से 2015 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके पश्चात उन्होंने दिल्ली व गुड़गांव की कई कंपनियों में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर काम किया। लेकिन दोस्तों इन्हें नौकरी करने में इतना ज्यादा मजा नहीं है जितना आज उन्हें यह बिजनेस करने में आ रहा है। इंजीनियर बाबू का नौकरी करने में कभी मन नहीं था। जिस कारण उन्होंने इस कार्य को करने की ठानी।
आइडिया कहां से मिला;-
जरूर दोस्तों यह सवाल आप सभी के मन में है कि इन्हें यह काम करने का आईडिया कहां से मिला। हर कोई इस सवाल को जानने का इच्छुक होगा तो आपको बता दें गड़सा टाइल व स्लेट आदि का काम इनका पुश्तैनी धंधा है। पुश्तैनी कार्य को देखते इन्हें इनके गांव की मिट्टी इसी और वापस खींच रही थी। फिर क्या था इन्होंने इस कार्य को करने का पूरा मन बना लिया। और देखो आज इनका काम कितना अच्छा चल रहा है। इंजीनियर बाबू अपनी मजदूरों को महीने के 15 से 20 हजार रुपए देते हैं।