भारत की बेटियां अब हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हुई नजर आ रही है।
भारत की बेटियां अब हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हुई नजर आ रही है। सरकार के द्वारा दिए निर्देशों के अनुसार महिलाओं को अब आगे बढ़ने का भरपूर मौका मिल रहा है।और इसी वजह से हर क्षेत्र में बेटियांअपना नाम आगे की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। यूपीएस जो भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक परीक्षा मानी जाती है। इसमें भी कई बेटियां ने अपना परचम ऐसा लहराया है।की बेटियों की तारीफ करते नहीं थकते और कुछ उन्हीं बेटियों में नाम शामिल है। 'स्वाति मीणा' का जो मध्य प्रदेश में इन दिनों आईपीएस अफसर के पद पर कार्य कर रही है। आइए आपको बताते हैं कैसे डॉक्टर बनने का सपना लेकर पढ़ाई कर रही थी। स्वाति मीणा ने अपने पिता की वजह से आईपीएस अधिकारी बनना तय कर लिया था।
मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी स्वाति मीणा इन दिनों हर उस लड़की के लिए मिसाल है। जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही है। सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में स्वाति ने ऑल इंडिया रैंक में 260 वां स्थान पाया था।आपको बता दें कि स्वाति की मां पेट्रोल पंप चलाती है। वहीं पिता एक साधारण सी नौकरी करते हैं।आठवीं कक्षा तक स्वाति की मां उन्हें डॉक्टर बनाना चाहती थी और स्वाति खुद भी डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उनके पिता के एक मुस्कान ने उनकी पूरी जिंदगी को ही बदलदिया आपको बताते हैं। कि कैसे स्वाति मीणा ने पहले तो अपने पिता की खातिर आईपीएस बनना चुनाऔर आईपीएस बनने के बाद उन्होंने ऐसे माफिया का सफाया किया जो आज स्वाति का नाम सुनते ही डर के भाग जाते हैं।
स्वाति मीणा ने खुद आईपीएस अफसर बनने के बाद की दास्तान को बताया। दरअसल आठवीं कक्षा तक वह अपनी मां के कहे अनुसार डॉक्टर बनना चाहती थी। डॉक्टर बनने की तैयारी भी कर रही थी।लेकिन उनके दूर के रिश्तेदारों में जब पिताजी ने आईपीएस अफसर बनने की बात सुनी तो उनके चेहरे पर अलग ही मुस्कान आ गई। उसके बाद ही उन्होंने ठान लिया कि वह अपने पिता के चेहरे पर इसी तरह की मुस्कान को वापस लाएंगे। मध्यप्रदेश में जब स्वाति की पोस्टिंग हुई तो उसके बाद उन्होंने भूमि अधिकरण और खनन माफियाओं के खिलाफ एक महिमा चलाई और देखते-देखते स्वाति के नाम से बड़े माफियाओं के चेहरे की रंगत उड़ने लगी। आज भी स्वाति मीणा बहुत ईमानदारी से अपने काम को करती नजर आ रही हैं। और उन बेटियों के लिए मिसाल बन चुके हैं जो अपने माता-पिता के सपनों को साकार करना चाहती हैं।