इंजीनियर पति पत्नी ने 1.25 लाख की नौकरी छोड़ शुरू किया चाऊमीन स्टॉल
आज हम आपको एक ऐसे कपल के बारे में बताने जा रही है, जिनके दोनों के पास एक अच्छी जॉब होने के बाद भी उन्होंने एक चाऊमीन का ठेला लगाया और आज वे लोगों के लिए बहुत ही लोकप्रिय हो गए हैं और उस नौकरी से ज्यादा पैसे कमा रहे हैं। हम जिनकी बात करने जा रहे हैं वह दिल्ली के रहने वाले हैं, दिल्ली के रहने वाले मोहित और उनकी पत्नी महक अरोड़ा ने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी, लेकिन अब इसके बाद इन्होंने एक ‘बॉस कैफ़े’ नाम से फूड स्टॉल खोला और उसकी वजह से यह दोनों काफी लोकप्रिय हो गए। मोहित अरोड़ा एक केमिकल इंजीनियर की नौकरी करते थे और उनकी पत्नी महक अरोड़ा कॉस्मोलॉजिस्ट हैं, वर्ष 2018 में इन दोनों की शादी हुई और दोनों 1 .25 लाख रुपए तक कमा रहे थे और एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे थे, इनको ना ही तो कोई पैसों की दिक्कत थी, लेकिन उनको दिक्कत नौकरी की थी कि वे नौकरी नहीं करना चाहते थे, वे अपनी नौकरी से खुश नहीं थे, वे अपना खुद का बिजनेस करना चाहते थे और धीरे-धीरे दोनों ने खुद का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा।
इस बारे में महक अरोड़ा ने बताया कि हमारे पास दो ऑप्शन थे एक तो हम स्ट्रीट फूड स्टॉल खोले या फिर एक सैलून खोल दें, लेकिन सैलून में दिक्कत यह थी कि मुझे सैलून चलाने का अनुभव नहीं था। इस वजह से इसमें थोड़ा डाउट था, लेकिन फूड स्टॉल खोलने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी था कि मोहित को खाना बहुत ही अच्छा बनाना आता था, इसके अलावा इसमें ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ते और अगर इसमें कुछ नुकसान भी होता तो ज्यादा नहीं होता, जबकि अगर सैलून खोलते तो उसमें पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ते और एक भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता था, इसी वजह से उन्होंने अंतिम निर्णय लिया कि वह एक फूड स्टॉल शुरू करेंगे। इसके बाद इन दोनों ने नौकरी छोड़ दी उन्होंने कंपनी को यह भी कहा था, कि अगर बिजनेस में हमें सफलता नहीं मिलती है तो वे कुछ समय बाद कंपनी में वापस नौकरी पर लौट आएंगे। 2019 में इन्होंने रोहिणी सेक्टर 7 के पास अयोध्या चौक में ‘द बॉस’ नाम से कैफ़े शुरू किया, शुरुआत में इन्होंने सिर्फ दो ही आइटम रखें मोमोज और सोया चाप। शुरुआत में इन्होंने स्टॉल पर मात्र 50,000 का इन्वेस्टमेंट किया था, महक ने बताया कि इसके बाद मेरे ब्रदर इन ला भी हमारे साथ फिर इस बिज़नस से जुड़ गये।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा कहा कि जब स्टॉल की शुरुआत की थी तब वहां पर बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी और बहुत दिक्कतें होती थी, इसके अलावा आसपास में इस प्रकार के बिजनेस से कोई लड़की जुड़ी हुई भी नहीं थी जिसकी वजह से लोग अजीब तरह की बातें करते थे, लेकिन हमने लोगों की बातों को नजरअंदाज करके हमारी पूरी ताकत इस तरफ लगा दी, महक ने बताया कि मोहित खाने को लेकर नए एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं, कभी तंदूरी मसाले के साथ टेस्टी नूडल्स तो कभी पास्ता फिर हमने इन स्पेशल डिशेज को भी मेनू में शामिल कर लिया और इसके साथ ही इनके स्टॉल पर सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली तंदूरी चाउमीन की शुरुआत हुई और इन्होंने इसे बनाने का तरीका भी साझा किया है।
उन्होंने बताया कि सब्जी फ्राई करने के बाद उसमें उबले हुए नूडल्स और बाकी चीजें डाल देते हैं और नुडल्स पक जाने के बाद तंदूरी फ्लेवर के लिए इसमें कोयले का धुंगाड लगाया जाता है, मोहित ने बताया नूडल्स के बीच छोटी कटोरी में जला हुआ कोयला रखकर उस पर बटर डालते हैं और कुछ देर के लिए ढक कर छोड़ देते हैं, इन सब से नूडल्स में एक अलग ही तंदूरी फ्लेवर आ जाता है स्टॉल शुरुआत में कम चलने की वजह यह भी थी, कि वेराइटी बहुत कम थी, धीरे-धीरे हमने वैरायटी बढ़ाई तो चलने लगा, लेकिन जैसे ही लोग आने लगे तो को करोना की वजह से लोगडाउन लग गया। लेकिन किसी ना किसी तरह संभल गए और आज इनकी दुकान पर रोजाना 100 ग्राहक आ ही जाते हैं और ये बताते हैं कि हर महीने ₹3 लाख तक कमा लेते हैं।