पिता के आदर्शों पर चली एक बिटिया आज है आईपीएस अफसर, अपने हौसलों और दृढ़ संकल्प से हासिल किया यह मुकाम! दूसरे विद्यार्थियों के लिए मिसाल
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं UPSC की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। अभ्यर्थी को अपना यह मुकाम हासिल करने के लिए सालों तक मेहनत का रास्ता अपनाना पड़ता है। जिनमें से बहुत से अभ्यर्थी तो लगातार निराशा के कारण यह प्रयास का रास्ता छोड़ देते हैं। और इन्हीं में से कुछ छात्र अपने मुकाम को हासिल करके ही दम लेते हैं। ऐसा ही वाक्य आज हम आपको एक आईएएस अफसर देवयानी के बारे में बताने वाले हैं। जिन्होंने अपने हौसलों के दम पर देशभर में 11वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस बनी।
देवयानी के पिता हिसार में डिविजनल कमिश्नर के (Divisional Commissioner) पद पर कार्यरत है। देवयानी के पिता हमेशा से ही चाहते थे। कि उनकी बेटी IAS अफसर बने। इसी कारण देवयानी अपने पिता के आदर्शो पर चली। और इसका श्रेय देवयानी अपने पिता को देती है। देवयानी के एजुकेशन की अगर बात करें तो देवयानी ने अपनी हायर एजुकेशन चंडीगढ़ के एसएच सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। और वर्ष 2014 में बिट्स पिलानी के गोवा केंपस से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की।
जैसे दूसरे स्टूडेंट के लिए यह रास्ता मुश्किलों से भरा होता है वैसे ही देवयानी के लिए भी यह रास्ता बेहद मुश्किल रहा। इसी कारण देवयानी को भी तीन बार निराशा का सामना करना पड़ा। देवयानी के लिए वर्ष 2015-16 और 17 काफी निराशाजनक रहा। परंतु देवयानी ने कभी हार नहीं मानी और अपने लगातार प्रयासों के कारण देवयानी को चौथी बार सफलता प्राप्त हुई। देवयानी ने 222 वी रैंक हासिल की। इसके पश्चात देवयानी को सेंट्रल ऑडिट डिपार्टमेंट के लिए नियुक्त किया गया। देवयानी कि यहां पर ट्रेनिंग शुरू हुई। निरंतर प्रयासों और अपने दृढ़ संकल्प से देवयानी ने पांचवें प्रयास में देशभर में 11वीं रैंक प्राप्त कर दूसरे विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल कायम की।