BY: SNEHA SHARMA 651 | 0 | 3 years ago
अमेजन के जंगलों से जिन्दा आना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में एक इन्सान जो इस जंगल से 5 हफ्ते बाद जिन्दा लोट आया, ये अपने आप में हैरान कर देने वाला मामला है-
एक बार के लिए अपनी आंखें बंद करें और सोचिए कि अगर आप अमेज़न जैसे भयानक जंगल में है और आपके पास भूख मिटाने को ना खाना है और ना ही प्यास मिटाने को पानी है। इसके अलावा ना ही आपके पास बचने की कोई उम्मीद है तो आप किस प्रकार ऐसे भयानक जंगल में रह पाएंगे। अब अपनी आंखें खोलिए और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा कीजिए कि आप अपने घर में सुरक्षित बैठे हैं। मगर हम जिस इंसान की बात कर रहे हैं वह ऐसे जंगल में 5 हफ्ते तक रह कर आया है। यह एक सच्ची घटना है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
यह घटना उस पायलट की है जिसकी उम्र 36 साल है और वह लगातार पांच हफ्तों तक अमेजन के भयानक जंगलों में फंसा रहा और फिर घर लौट कर आया है। जिस जंगल में जाकर लोगों की जिंदा रहने की उम्मीद टूट जाती है वहां से यह व्यक्ति मौत को मात देकर घर वापस लौट आया। इस पायलट का नाम एंटोनियो सेना है। एंटोनियो सेना 28 जनवरी से लापता थे। एंटोनियो ने एलमेरियम शहर जाने के लिए एलेनकेर शहर से अपने विमान के साथ उड़ान भरी। तकनीकी खराबी के कारण हवाई जहाज अमेजन के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस दुर्घटना में एंटोनियो की जान बच गई थी लेकिन वह अमेजन के खतरनाक जंगल में अकेला जिंदा रह गया था। अब एंटोनियो के सामने भूख मिटाने के लिए खाना और प्यास मिटाने के लिए पानी की समस्या आ गई थी। एंटोनियो को यह पता लग गया था कि उसे इस जंगल में लंबे समय के लिए रहना पड़ सकता है। इसी वजह से उन्होंने जिंदा रहने की उम्मीद नहीं छोड़ी और लगातार प्रयास करते रहे। एंटोनियो ने भूख मिटाने के लिए चिड़िया के अंडे और जंगली फल खाए वहीं दूसरी तरफ रेस्क्यू टीम ने भी एंटोनियो को खोजने की कोशिश शुरू कर दी थी।
लगातार 5 हफ्तों तक रेस्क्यू टीम ने अपनी कोशिश जारी रखी और अंततः उन्होंने एंटोनियो को खोज निकाला। इस सच्ची घटना से हमें जिंदगी के कई मायने समझ में आते हैं और जिंदा रहने के लिए इंसान के जीवन में एक उम्मीद का होना बहुत जरूरी होता है। एंटोनियो अपनी इच्छाशक्ति और रेस्क्यू टीम की सहायता से सफलतापूर्वक अपने घर लौट आया। डॉक्टर ने एंटोनियो की प्राथमिक जांच की और उसे स्वस्थ पाया के बाद इंटरव्यू सही सलामत अपने घर वापस लौट आया। एंटोनियो की इस हिम्मत को हमारा सलाम।
इस सच्ची घटना के बारे में आपकी क्या राय है हमें कमेंट करके जरूर बताएं।