कई पीढ़ियां बीत जाने के बाद परिवार में हुई बेटी, पिता ने खुशी के मारे बेटी को जन्मदिन पर दे दिया तोहफे में चांद!
देश धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। दुनिया में आज ऐसे भी लोग हैं जो बेटे और बेटी में फर्क करते। लेकिन इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो बेटी के जन्म को अपना सम्मान मानते हैं। यह कहानी है बिहार के मधुबनी जिले की। जहां एक परिवार में एक बेटी ने जन्म लिया। माता पिता बेटी के जन्म पर बहुत खुश थे। बेटी के 10 वें जन्मदिन पर पिता ने ऐसा उपहार दिया कि लोग देखते ही रह गए।
सात पीढ़ी के बाद घर में जन्मी बेटी
बिहार के झंझारपुर में रहने वाले डॉ. सुरविंदर झा और डॉ. सुधा झा ने अपनी इकलौती बेटी आस्था भारद्वाज के लिए चांद पर 1 एकड़ जमीन खरीदी है यह जमीन ही बेटी को गिफ्ट में दी गई है। बेटी के पिता सुरविंदर झा ने कहा कि यह हमारे परिवार की एक इकलौती बेटी है लगभग 7 पीढ़ियों के बाद इस बच्ची ने हमारे घर में जन्म लिया है और हमारी झोली में ढेरों खुशियां डाली है। हमने अपनी खुशी जाहिर करने के लिए बेटी आस्था के लिए चंद्रपाल पर एक जमीन खरीदी और उसके 10 वें जन्मदिन पर उसे गिफ्ट की है।
बहुत समय लगा जमीन लेने में
चंद्रमा पर 1 एकड़ जमीन खरीदने में और इसे बेटी के नाम करवाने में लगभग 2 साल का समय लगा। सुखविंदर ने इस जमीन के लिए सबसे पहले कैलिफ़ोर्निया लूना सोसाइटी की वेबसाइट पर सारे डॉक्यूमेंट जमा करवाएं। अमेरिका से इस चांद पर जमीन लेने की कीमत के बारे में पता लगाया। पेपाल ऐप के माध्यम से इस जमीन की रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान किया।
चांद पर जाने के लिए टिकट भी मिला
डॉ रविंद्र झा ने बताया कि 2 साल के बाद चांद पर मिली यह जमीन बेटी को गिफ्ट में दी गई है। जमीन बेटी के नाम होने के बाद उसे एक पासपोर्ट और इंडियन एंबेसी से क्लीयरेंस आर्डर भी मिला। इंडियन एंबेसी ने सारी फॉर्मेलिटी करके क्लीयरेंस कोड भी दिया। चांद पर जमीन खरीदने की प्रोसेस के बाद जमीन का भुगतान व्यापार एप के द्वारा किया गया।
जमीन का रजिस्ट्रेशन होने के साथ ही बेटी को हमेशा के लिए चांद पर जाने का एक हवाई टिकट भी मिला। इस टिकट के जरिए बेटी आस्था कभी भी चांद पर जा सकती है।