अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक शिष्य ने फाइनेंसियल प्रॉब्लम के चलते गुरु की सहायता करके जीवन का सबसे बड़ा पुण्य पाया...
कैलिफोर्निया (California): आज हम आपको एक दर्द भरी दास्तां के बारे में बताने वाले है। जोस नाम के अध्यापक महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने की वजह से अपनी नौकरी गंवा चुके थे। उनके पास आमदनी का कोई और जरिया नहीं था। हालात इतने खराब हो चुके थे कि उन्हें अपनी कार में ही रहना पड़ रहा था। बच्चों को ट्यूशन कराने से जो भी पैसा प्राप्त होता। उसे वे अपने घर खर्च के लिए भेज देते थे।
दरअसल महामारी के दौरान पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा गई। जिससे काफी लोग बेरोजगार हो गए थे।
'गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोक्ष।गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष।।
गुरु को सर्वोपरि रखा गया है गुरु को बच्चों का जीवन बनाने वाला बताया है। गुरु एक मार्गदर्शक होता है। जो अपने शिष्यों को सही राह प्रदर्शित करता है। गुरु मनुष्य को अंधकार से बाहर निकालता है। जिस प्रकार पानी के बिना नदी का कोई महत्व नहीं होता उसी प्रकार गुरु के बिना जीवन का कोई महत्व नहीं होता है। परंतु जब गुरु ही संकट से गुजर रहा हो तो उस स्थिति में उनके शिष्य भी गुरु जीवन संवार देते हैं।
ऐसा ही वाक्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में देखने को मिला। नौकरी से बेरोजगार होने के चलते फाइनेंसियल प्रॉब्लम इतनी बढ़ गई थी कि जोश अपने दैनिक कार्य रोजाना कार में ही कर रहे थे। और जब यह नजारा उनके पुराने स्टूडेंट स्टीवन ने देखा तो स्टीवन से रहा नहीं गया।
स्टीवन का कहना था। कि रोजाना अध्यापक को कार में देखता था। तो मैंने उनके लिए कुछ करने की ठानी और उनके लिए कुछ ऐसा करना चाहता था। कि जिससे उनकी फाइनेंसियल प्रॉब्लम दूर हो जाए।
स्टीवन ने एक फंड रेजिंग अकाउंट तैयार किया और उसमें पैसे इकट्ठा करना शुरू किया। स्टीवन ने अपने दोस्तों और क्लासमेट से सहायता ली। स्टीवन लगभग 5000 डॉलर इकट्ठा करना चाहता था। परंतु इससे भी 6 गुना ज्यादा पैसा इकट्ठा हुआ। स्टीवन यह पैसा किसी खास मौके पर उन्हें भेंट करना चाहता था। कुछ दिनों बाद गुरु जोश का 77वां जन्मदिन आया और यह जन्मदिन उनके लिए अब तक का सबसे खास जन्मदिन होने वाला था। गुरु जोश ने यह कभी नहीं सोचा था। कि उनके जन्मदिन पर उन्हें इतना बड़ा सर प्राइस मिलेगा। सभी दोस्तों ने 'हैप्पी बर्थडे' विश करते हुए उनके जन्मदिन पर तोहफे के रुप में 27000 डॉलर का चेक गुरु जोश को दिया। यह सब देख गुरु जोश की आंखें भर आई और गुरु जोश ने इसके लिए अपने शिष्यों को धन्यवाद कहा।
गुरु जोश ने कहा कि उन्हें एक बार तो इस पर विश्वास ही नहीं हुआ। कि उन्हें इतना बड़ा गिफ्ट दिया जा रहा है। उन्हें लगा कि उनके शिष्य उनके साथ किसी प्रकार का प्रैंक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कभी सपने में भी यह नहीं सोचा था कि उन्हें कोई इस तरह का सरप्राइस भी देगा।
इन सबके लिए स्टीवन का कहना था। की उस व्यक्ति की सहायता करना किसी सम्मान से कम नहीं होगा। जो बहुत से बच्चों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करता है और अपना पूरा जीवन उन्हीं पर समर्पित कर देता है। मैं ऐसे गुरु को धन्यवाद कहूंगा और हर एक शिष्य और व्यक्ति से यही कहूंगा कि जीवन में ऐसा जब भी देखो तो आप जरूर उनकी सहायता करें।
जरूरी नहीं होता है कि वह गुरु ही हो चाहे वह कोई भी मजबूर इंसान क्यों ना हो।