यूपी के एक ही परिवार के 4 बच्चों ने मुश्किलों को मात देकर पूरा किया पिता का सपना, पास कि देश की सबसे कठिन परीक्षा....
यूपीएससी एग्जाम इंडिया की सबसे कठिन एग्जाम्स में से एक है हर साल लाखों के कैंडीडेट्स औ इस एग्जाम में हिस्सा लेते हैं लेकिन बहुत कम ही कैंडिडेट इस एग्जाम में सफल हो पाते हैं, जो कैंडिडेट इस एग्जाम में सफल हो जाता है वह लोगों के लिए आइडियल बन जाता है।
इसी एग्जाम को यदि एक ही फैमिली के चार भाई बहन क्लियर कर लेते हैं तो यह चौंकाने वाली बात है। दरअसल, यूपी के लालगंज जिले में रहने वाले एक परिवार के चार भाई-बहनों ने यूपीएससी एग्जाम पास की और वे सभी आईएएस और आईपीएस ऑफिसर के पद पर है।
एक ही परिवार के चार सदस्य बने आईएएस और आईपीएस ऑफिसर
एक ही परिवार के चार सदस्यों में दो भाई और दो बहने हैं, यह पूर्व बैंक मैनेजर अनिल प्रकाश मिश्रा के बेटे और बेटियां हैं। रिपोर्टर ने जब पूर्व मैनेजर से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मैं एक ग्रामीण बैंक का मैनेजर रह चुका हूं लेकिन मैंने अपने बच्चों की पढ़ाई से कभी समझौता नहीं किया, मैं चाहता था बच्चे पढ़ लिख कर अच्छी जॉब करें मैंने इनकी पढ़ाई पर ध्यान दिया, मैंने इन्हें मेहनत की राह पर चलना सिखाया है।
बड़े भाई बने आईएएस ऑफिसर
चार भाई-बहनों में सबसे बड़े योगेश मिश्रा आईएएस ऑफिसर बने है उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज में की बाद में मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। नोएडा में नौकरी करते हुए यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गए 2013 में इन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर ली और एक आईएएस ऑफिसर बन गए।
इसके बाद बड़े भाई से इंस्पिरेशन लेकर बहन क्षमा मिश्रा भी यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गई पहले 3 अटेंप्ट में नाकामयाब रही लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे अटेम्प्ट में यूपीएससी एग्जाम पास की और आईपीएस ऑफिसर बनी
चारों संतानों पर नाज है मुझे-पिता
दूसरी बहन माधुरी मिश्रा ने लालगंज से कॉलेज कि फिर प्रयागराज से मास्टर्स करने के बाद 2014 में इन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर ली बाद में झारखंड कैडर की आईएएस ऑफिसर बनी। दूसरे भाई ने 2015 में यूपीएससी एग्जाम पास की और इन्होंने ऑल इंडिया में 44 वी रैंक हासिल की और बिहार कैडर के आईपीएस ऑफिसर बने।
पिता अनिल मिश्रा को अपने चारों संतानों पर गर्व है उन्होंने कहा कि मैं भगवान से इससे ज्यादा और कुछ नहीं मांग सकता मेरे सभी बच्चों ने मेरा सर फक्र से ऊंचा किया है।