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बचपन में ही खो दी थी ओजस महेश्वरी ने सुनने की शक्ति, लोग समझते रहे  किताबी कीड़ा लेकिन कॉमन लिस्ट में AIR 26 लाकर इतिहास रचा...-banner
mustkim chopdar Author photo BY: MUSTKIM CHOPDAR 859 | 0 | 2 years ago

बचपन में ही खो दी थी ओजस महेश्वरी ने सुनने की शक्ति, लोग समझते रहे किताबी कीड़ा लेकिन कॉमन लिस्ट में AIR 26 लाकर इतिहास रचा...

लोग उन्हें केवल किताबी कीड़ा ही समझते हैं लेकिन जो उनके करीबी हैं वह जानते हैं कि ओजस को फुटबॉल खेलना और लोगों से मिलना बहुत ज्यादा पसंद हैं।

जेईई एडवांस 2022: NTA ने JEE Advanced का परिणाम इंटनेट पर डाल दिया। जिसके बाद परीक्षा में अवल रहे छात्रों के घरों में और आस पड़ोस में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। कुछ इसी प्रकार का माहौल JEE Advanced  में 26 रैंक प्राप्त करने वाले ओजस महेश्वरी के घर भी बना हुआ है। ओजस महेश्वरी के घर परिणाम की घोषणा के बाद से ही ढोल बजने लगे। ओजस ने जो सफलता हासिल की है उससे यह साबित हो गया है कि शारीरिक कमियां आपके लगन और मेहनत के आगे आड़े नहीं आ सकती है। जी हाँ आपने सही सुना ओजस महेश्वरी सुन नहीं सकते हैं लेकिन फिर भी परीक्षा में 26वी रैंक हासिल कर उन लोगो के लिए एक प्रेरणा बने है जो अपने मार्ग से हट गए है।

ओजस जनरल केटेगरी में 26 वी रैंक प्राप्त करने वाला पहला उम्मीदवार बना। Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार ओजस मां बता रही है कि ओजस ने कभी खुद को स्पेशल नहीं माना और ना ही कभी किसी सुविधा की अलग से मांग की। ओजस के माता पिता को अपने बेटे पर पुर विश्वास था, कि वह पीडब्ल्यूडी कैटेगरी मैं जरूर टॉप कर लेगा। फिर भी ओजस माता-पिता जनरल केटेगरी के रैंक के विषय में बेहद उत्साहित थे। वर्षो की मेहनत रंग लाई और ओजस ने जनरल केटेगरी में 26 वी रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया है।

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ओजस के माता पिता अपने बेटे पर गर्व कर रहे हैं और वे बहुत ज्यादा खुश है।अगर बात उसके सफर की जाए तो उसने JEE-MEN परीक्षा में पीडब्ल्यूडी केटेगरी में टॉप किया था। ओजस 6-7 साल के होंगे जब उन्होंने अपनी सुनने की शक्ति को खो दि थी, लेकिन उसके 1 साल बाद ही और ओजस की मां ने साइंस और मैथ की रुचि को पहचान लिया। ओजस की माँ ने उसके 8 वर्ष की उम्र से ही ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया था।

70 फीसदी की सुनने की क्षमता ओजस की खत्म हो चुकी है फिर भी उन्होंने इस कारण से कभी खुद को कमजोर नहीं माना और लगातार अपनी तैयारी में लगे रहे। हालांकि हम कह सकते हैं की ओजस को कोरोना जैसी महामारी में तैयारी करने और पढ़ने में समस्या जरूर आई होगी, लेकिन उन्होंने लगातार हर दिन 10 घंटे पढ़ाई की और ऑल इंडिया रैंक 26 वी प्राप्त करके इतिहास रच दिया। सुंदर पिचाई और एपीजे अब्दुल कलाम को ओजस अपना रोल मॉडल मानते हैं। ओजस का कहना है कि लोग उन्हें सिर्फ किताबी कीड़ा ही समझते हैं, लेकिन जो उनके करीबी हैं वे जानते हैं कि ओजस को लोगों से मिलना और फुटबॉल खेलना कितना पसंद है।

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