चुनौतियों से लोहा लेकर अपने दम पर हासिल किया अपना मुकाम। पहले बैंक, फिर वन विभाग, उसके बाद कलेक्टर पद और अब डीएसपी पद को हासिल किया।
पहले के जमाने में लड़कियों की बेहद कम उम्र में शादी कर दी जाती थी। यह आंकड़ा वर्तमान समय में भले ही कम हो गया हो। परंतु आज भी कुछ गांव ऐसे हैं जिनमें लड़कियों की खेलने-कूदने की उम्र में ही शादी कर दी जाती है। जिस समय उन्हें पढ़ने लिखने और आगे बढ़ने की जरूरत होती है उस समय उन पर घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी डाल दी जाती है और उनके सपनों का गला घोट दिया जाता है। आज हम आपके लिए एक ऐसा ही वाक्य लेकर आए हैं।
हम बात कर रहे हैं एक बहादुर लड़की की जिसका नाम अनीता(प्रभा) शर्मा है।जो मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कोतमा में रहने वााली है। अनिता शर्मा में कुछ कर गुजरने का जज्बा था। अनीता की शादी बहुत कम उम्र में होने के कारण उसका जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा। फिर भी अनीता ने अपने जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारी और अपने धैर्य के साथ पढ़ाई पूरी करती रही और एक दिन अपने मुकाम को हासिल किया। जो वर्तमान में डीएसपी के पद पर कार्यरत है।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें अनीता की शादी 17 साल की उम्र में एक 27 वर्षीय व्यक्ति से कर दी गई थी। जिस वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा था। अनीता एक बहादुर लड़की थी जिसमें कुछ कर गुजरने का जुनून भरा था। अनीता अपने जीवन में एक मुकाम हासिल करना चाहती थी। जिस वजह से अनीता ने अपने जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया और अपने पति से तलाक ले लिया।
आपको बता दें अनीता का तलाक लेने का फैसला हालांकि उनकी चुनौतियां नहीं बल्कि पति के साथ उम्र का फासला और आपसी सामंजस्य था। सामाजिक परंपरा निभाने के चलते भले ही परिवार वालों ने अनीता की शादी नाबालिक उम्र में कर दी। परंतु अनीता ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी अनीता ने अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की और सरकारी विभागों में परीक्षाएं देना शुरू किया। अपनी ग्रेजुएशन को पूर्ण करते वक्त उनके पति का एक्सीडेंट हो गया था। जिस वजह से उन्हें बीच में ब्रेक लेना पड़ा। परंतु इसी बीच उन्होंने बैंक की परीक्षा भी दी थी। जिसमें वह पास हो गई। परंतु ग्रेजुएशन की 3 साल पूर्ण न कर पाने की वजह से उन्हें यह मौका अपने हाथ से गंवाना पड़ा। परंतु लोग सच कहते हैं जब कोई इंसान जीवन में कुछ करने की ठान ले तो फिर किस्मत उसके आगे नहीं आ सकती।
अनीता के पति की एक्सीडेंट होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी भी अनीता पर आ गई थी जिसके चलते उन्हें क्रैश कोर्स करना पड़ा। क्रैश कोर्स करने के बाद अनीता ने पार्लर में काम करते हुए अपना घर चलाया। साथ ही वन विभाग में तैयारी भी जारी रखी। सच कहते हैं मेहनत कभी भी धोखा नहीं देती है। इसी बीच अनीता ने 4 घंटे में 14 किलोमीटर पैदल चलकर वन विभाग की परीक्षा को पास कर लिया। उन्हें 2013 में बालाघाट में पहली पोस्टिंग दी गई। परंतु अनीता के स्वभाव में रुकना कहां लिखा था। वनरक्षक बनने के बावजूद अनीता ने सब इंस्पेक्टर की तैयारी जारी रखी परंतु उनकी किस्मत एक सिपाही बनना नहीं बल्कि प्रशासक बनना लिखा था। अनीता एसआई के साथ ही मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा की भी तैयारी करती रही।
काफी संघर्ष के बाद अनीता ने अपने पहले ही प्रयास में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 17वी रैंक प्राप्त की। सभी श्रेणी में अनीता की 47वी रैंक थी। परंतु किस्मत तो देखो कहते हैं ना जिन्हें कुछ पाना होता है। वे कहीं पर भी नहीं रुकते हैं। और अनीता ने डिप्टी कलेक्टर पद पाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी। और 2016 में डिप्टी कलेक्टर पद को भी पास कर लिया। कलंगी अनीता वर्तमान में डीएसपी पद पर कार्यरत है अनीता आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल बनकर उभरी। किडनी चुनौतियों के बावजूद भी अनीता ने अपना इलेक्शन नहीं छोड़ा और बिना फल की इच्छा किए अभी मेहनत पर लगी रही। और देखो 1 दिन अपना मुकाम हासिल कर लिया।