तालिबान को पंजशीर से पंगा लेना महंगा पड़ गया। जिसके चलते पंजशीर ने तालिबान के 700 लड़ाके मार गिराए व 600 को कैद कर लिया। पंजशीर के कमांडर अहमद मसूद ने ....
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें अफगानिस्तान के उत्तरी-पूर्वी प्रांत के पंजशीर घाटी में तालिबान व प्रतिरोध बलों के बीच भयंकर लड़ाई जारी। पिछले कई दिनों से जारी इस खूनी खेल में शनिवार को पंजशीर के लड़ाकों से तालिबान को पंगा लेना पड़ गया महंगा।
तालिबान और पंजशीर के बीच चल रही इस लड़ाई में तालिबान के करीब 700 से अधिक लड़ाके ढेर हो गए। पंजशीर की ओर से दावा है कि शनिवार की इस लड़ाई में करीब 700 तालिबानी मारे गए और 600 तालिबानियों को कैद कर लिया गया। पंजशीर के मजबूत नेता अहमद मशहूर का कहना है कि मर जाएंगे परंतु आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
पंजशीर प्रतिरोध समूह के सोशल मीडिया अकाउंट के अनुसार तालिबानी सेना भारी नुकसान झेलने के बाद वहां से भाग रही है । पंजशीर के नेता अहमद मसूद अपनी फोर्स का नेतृत्व कर रहे एक ऑडियो के माध्यम से कहते हैं। कि 700 से अधिक तालिबानी मारे गए और अन्य 600 को पकड़ लिया गया है। जबकि बाकी भागने की कोशिश कर रहे थे। अहमद मसूद ने संदेश में यह बताया कि हमारी सेना अग्रिम पंक्ति में है और सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है। जिस वजह से हम पूरे प्रांत को नियंत्रित करने में कामयाब रहे हैं।
इसका यह अर्थ निकल कर सामने आ रहा है। कि कमांडर अहमद मसूद ने पंजशीर को तालिबान के चंगुल से बचाने की कसम खा रखी है। पंजशीर के कमांडर अहमद मसूद ने अफगानिस्तान के खामा मीडिया से बात करते हुए कहा कि न्याय और स्वतंत्रता के लिए अपनी इस लड़ाई को कभी नहीं रोकेंगे। अहमद मसूद ने यह भी बताया कि पंजशीर में प्रतिरोध और अफगानिस्तान में महिलाओं के विरोध से यह संकेत प्राप्त होता है। कि अफगानिस्तान कभी भी अपने अधिकारों के लिए लड़ना नहीं छोड़ेगा।
सोशल मीडिया के जरिए अहमद मसूद ने कहा। कि हार उस वक्त संभव है। जब आप तक कर अपने अधिकारों के लिए लड़ना छोड़ देते हैं। बता दें 15 अगस्त को तालिबान ने कबूल पर अपना कब्जा बना लिया था। पंजशीर के कमांडर मसूद ने तालिबान पर माननीय आपूर्ति को रोकने का आरोप लगाते हुए। संयुक्त राष्ट्र से मानवीय सहायता की अनुमति देने के लिए तालिबान पर दबाव बनाने की सहायता मांगी है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें पंजशीर अफगानिस्तान का एक छोटा सा प्रांत है। जिस ने तालिबान के सामने घुटने टेकने से साफ इनकार कर दिया। जिसके कमांडर अहमद मसूद है। अहमद मसूद एक होनार और बहादुर कमांडर है।
परिस्थितियां कैसी भी हो कभी हार नहीं माननी चाहिए। पंजशीर को देखकर हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कितने बहादुर है।