रक्षाबंधन के दिन बहन से सांप को राखी बंधवाना भाई के लिए भारी पड़ा, सांप के डसने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
भाई बहन के प्यार को समर्पित रक्षाबंधन का त्यौहार भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व है। इस दिन का हर बहन बेसब्री से इंतजार करती है। रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई के की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधकर उसकी आरती उतारने के साथ उसकी लंबी और निरोगी आयु की कामना करती है। भाई भी इस दिन बहन से राखी बंधवाने के साथ उसकी रक्षा का वचन देता है, तभी भाई-बहन के इस पर्व को रक्षाबंधन कहा जाता है।
इस पर्व पर बहने अपने सगे भाइयों को ही राखी नहीं बांधती, इनके अलावा भी बहुत सी बहने अपने धर्म भाइयों, सैनिकों, पुलिस जवानों, शहीदों की प्रतिमाओं के साथ-साथ तुलसी और पीपल जैसे जीवनदाई वृक्षों को भी राखी बांधती हैं। लेकिन आपको यह जानकर बड़ा ताज्जुब होगा कि 22 अगस्त को गुजरे रक्षाबंधन के पर्व पर एक भाई ने अपनी बहन से सांपों को राखी बंधवाई।
सांप को बंधवाई राखी:- बिहार के सारण जिले के मनमोहन को अपनी बहन के द्वारा सांपों को राखी बंधवाना भारी पड़ गया। उस बहन को क्या पता था कि जिस भाई की दीर्घायु के लिए वह उसकी आरती उतार रही है, वह कुछ ही पल का मेहमान है। दरअसल जिस सांप को बहन ने राखी बांधी उसी सांप ने उसके भाई को डस लिया। इस दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो भी सामने आया है।
सांप से था गहरा लगाव:- सुनने में आया है कि मनमोहन का सांपों के प्रति गहरा लगाव था। वह पिछले 10 वर्षों से सांपों को रेस्क्यू करके जंगल में छोड़ने और सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों को ठीक करने की सेवा कर रहा था। काफी लंबे अरसे से उसने अपने आप को सांपों को बचाने के लिए ही समर्पित कर दिया। उसके आसपास के इलाके में किसी के घर में सांप आ जाने पर उसी को सबसे पहले बुलाया जाता जो सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ देता था। वह कहता था कि साथ उसके गहरे दोस्त हैं लेकिन यही दोस्ती उसकी मौत का कारण बन जाएगी यह उसने सपने में भी नहीं सोचा था।
मनमोहन के बारे में कहा जाता है कि वह सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति का इलाज भी करता था। लोगों को विश्वास था कि उसके द्वारा बोले गए मंत्रों से सांप के जहर अपने आप उतर जाता था।
बहन से शाम को बंधवाई राखी:- 22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उसकी बहन उसके राखी बांधने आई, तो उसने बहन को अपने सांप को भी राखी बांधने के लिए कहा। इस दौरान उसने सांप को पूंछ की ओर से पकड़ रखा था। बहन जब सांप को राखी बांधने लगी इस दौरान मनमोहन का ध्यान भटक गया और जहरीले कोबरा ने उसके पैरों की अंगुलियों के बीच डस लिया।
लापरवाही पड़ी भारी:- सांप के काटने के बावजूद मनमोहन ने ध्यान नहीं दिया और वह सांप को राखी बंधवाने के साथ उसे टीका लगाने और आरती उतारने में लगा रहा। मनमोहन को लगा कि सांप ने खाली बाइट मारी है। दरअसल जहरीले सांप अधिकतर लोगों को डराने के लिए काटते हैं, लेकिन इस दौरान जहर नहीं छोड़ते। यदि उसे ऐसा लगता है कि उसे कोई खतरा है इसी दौरान वह बेहद कम जहर ही बाइट के दौरान छोड़ता है। मनमोहन को भी ऐसा ही लगा कि सांप ने जहर नहीं छोड़ा,लेकिन यह लापरवाही उस पर भारी पड़ी। कुछ ही देर में मनमोहन अचेत हो गया।
अंधविश्वास के चलते हुई देरी:- घर वालों ने भी उसे अस्पताल ले जाने के बजाय घर पर ही झाड़-फूंक से उसका इलाज किया। लेकिन किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलने पर उसे एकमा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन वहां एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं होने के चलते उसे छपरा सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उसकी और घरवालों की लापरवाही के चलते बहुत समय बर्बाद हो गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मनमोहन की मौत से लोग हैरान:- मनमोहन एक अच्छा स्नेक कैचर था। साथ ही वह सर्प दंश का इलाज भी जानता था। इसके बावजूद सांप के डसने से ही उसकी मृत्यु होने पर आसपास के लोगों को यकीन नहीं हो रहा। ग्रामीणों का दावा है कि उसके द्वारा बोले गए मंत्रों से सांप का जहर बेअसर हो जाता था। ऐसे में उसी की सर्पदंश की वजह से मृत्यु होना उन्हें हजम नहीं हो रहा।
परिवार और बहन का हाल बेहाल:- इससे दुखद घटना ओर क्या हो सकती है, रक्षाबंधन के दिन ही बहन से उसका भाई सदा-सदा के लिए बिछड़ गया। जिस भाई की कलाई पर उसने रक्षा का सूत्र बांधा था और जिस सांप को उसने भाई मान कर राखी बांधी उसी ने उसे इतना बड़ा दुख दे दिया।