ओडिशा की एक लड़की ने बनाया ऐसा मकान जो ना टूटेगा और ना पानी में बहेगा और किसी दूसरे स्थान पर ले जाना भी बिल्कुल आसान है।
2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत देश दुनिया के सबसे तेज बढ़ने वाले देशों में से एक है और इस रिपोर्ट के मुताबिक यह भी माना गया है। कि भारत के 6 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास रहने के लिए घर की व्यवस्था नहीं है। और वह अस्थाई तौर पर किसी फुटपाथ या घास के मकान में या लकड़ी के बने मकानों में रहते हैं। जो किसी भी भूकंप या तूफान जैसी आपदा से नष्ट हो जाते हैं। और इनको दोबारा बनाने के लिए उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है।
इसके लिए ओडिशा की स्वस्ति पटनायक जिनकी उम्र मात्र 22 वर्ष है उन्होंने एक (Fiber Reinforced Plastic ) फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल करके ऐसे घर तैयार किए है। जो मजबूत होने के साथ-साथ बेहद सस्ते भी हैं और अगर कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो उन घरों को कहीं दूसरी जगह ले जा सकते हैं। इनमें एक हुक लगाया गया है। जिसकी वजह से इनको कहीं पर भी सेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके पापा (Fiber Reinforced Plastic) फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक से Toilet (शौचालय) बनाने का काम करते हैं। जिनको एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। तो मेरे दिमाग में एक विचार आया कि इससे घर भी बनाए जा सकते हैं। तो लॉकडाउन (Lockdown) में हमने इस विचार पर कार्य करना शुरू किया।
स्वस्ति ने पिछले साल KIIT भुवनेश्वर से फैशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई पूरी है। वंहा उनके कुछ ऐसे भी दोस्त थे जो भारत के अलावा दूसरे देशों से पढ़ने आए थे। तो वे उड़ीसा को देखकर कहते थे कि यह बहुत ही Backward (पिछड़ा) हुआ है। यह बात सुनकर मुझे बहुत अजीब लगता था तो मैंने सोचा कि मैं कुछ ऐसा करूंगी जिससे मेरा उड़ीसा भी मशहूर हो जाए। इनके पिताजी काजल पटनायक 2005 से (Fiber Reinforced Plastic ) का इस्तेमाल करके थीम पार्क और सरकारी स्थानों पर Toilet (शौचालय) आदि बनाने का काम करते हैं काजल बताते हैं। कि हमारे पास एक मेंढक से लेकर डायनासोर तक के मॉडल है।
फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक (Fiber Reinforced Plastic ) का इस्तेमाल हेलमेट बनाने में भी किया जाता है और कार का बंपर बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि जब हमारी बेटी ने हमें घर बनाने का विचार बताया तो हमें ऐसा नहीं लगा था। कि इतना सुंदर घर बन जाएगा (Fiber Reinforced Plastic ) की एक बात यह भी है। कि इसका कोई एक मॉडल बनाने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता है। लेकिन इसकी मरम्मत बहुत ही आसानी से की जा सकती है। लेकिन उन्होंने कहा कि ओडिशा में हमने पहली बार उसकी सहायता से घर बनाए और अब उनके पास बहुत आर्डर आते है।