कर्नाटक सरकार का फैसला: हिजाब के नाम पर प्रैक्टिकल एग्जाम का बहिष्कार करने वाले स्टूडेंट को नहीं मिलना चाहिए दोबारा मौका।
कर्नाटक बोर्ड की यूनिवर्सिटी में II एग्जाम चल रही थी। सभी जानते हैं कि प्रैक्टिकल के 30 और थ्योरी के 70 अंक मिलाकर 100% का पेपर बनता है। जो बच्चा प्रैक्टिकल में मौजूद नहीं रहता है तो उसके सीधे 30 अंक कटते हैं लेकिन फिर भी वह 70 अंकों की थ्योरी एग्जाम दे सकता है और इन 70 अंको की वजह से मेहनत करके वह अपना पूरा साल भी बचा सकता है।
दोस्तों, आपको तो पता चल ही गया होगा कि कर्नाटक में पी यूनिवर्सिटी II एग्जाम के समय कॉलेज कैंपस में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की मांग को लेकर हजारों स्टूडेंट्स ने धरना दे दिया था और प्रैक्टिकल एग्जाम देने से मना कर दिया था। अब हाईकोर्ट का आदेश आया है कि अब इन बच्चों को प्रैक्टिकल एग्जाम देने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा। आप यह सोच रहे होंगे कि यह PU-II आखिर क्या है? तो आपको बता दें कि कर्नाटक में कक्षा बारहवीं को ही प्री-यूनिवर्सिटी II कहा जाता है।
अब इस पर कर्नाटक गवर्नमेंट ने संडे के दिन उन स्टूडेंट्स को दुबारा प्रैक्टिकल एग्जाम देने से मना कर दिया जो प्रैक्टिकल्स के समय वहां पर मौजूद नहीं थे। इनमें ज्यादातर वह स्टूडेंट्स है जिन्होंने स्कूल और कॉलेज कैंपस में धरना दिया था।
कर्नाटक के प्राइमरी और सेकेंडरी के एजुकेशन मिनिस्टर बीसी नागेश ने कहां-हम स्टूडेंट्स की इस बात को कैसे मान सकते? जब हाईकोर्ट ने ही शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी लगा दी है और स्टूडेंट्स कोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं, यह तो सही नहीं है ना। यदि हम इन स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल एग्जाम में बैठने की इजाजत दे देते हैं तो क्या पता भविष्य में अन्य स्टूडेंट्स अपनी बात को मनवाने के लिए ऐसे ही धरने देते रहेंगे। आगे उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ नहीं जा सकते हैं।