बेरहम पति करता था घर पर अत्याचार, खुद के टैलेंट से शुरू किया 6 लाख का कारोबार, बनी करोड़ों की मालकिन।
दोस्तों यह कहानी उस महिला की है जो अपनी बेरहम पति द्वारा पीटने पर अस्पताल में भर्ती हुई थी। जो केवल अपने बच्चों के लिए जी रही थी। दोस्तों, आपने यह तो सुना ही होगा कि एक छोटा सा तिनका भी मुसीबत के समय सहारा बन सकता है। इस महिला ने छोटा सा काम शुरू किया था और आज वह करोड़ों रुपए की मालकिन है और निडर जी रही है।
दोस्तों इस महिला का नाम है भारती सुमेरिया। इनका जन्म मुंबई के भिवंडी के मिडल क्लास फैमिली में हुआ था। इनके पिता की पुरानी सोच होने के कारण इन्हें दसवीं क्लास के बाद पढ़ाया नहीं गया और इनकी शादी करवा दी गई। भारती के पिता ने सोचा था कि वह आगे की जिंदगी अच्छे से जी सकेगी, लेकिन पिता को नहीं पता था कि वे अपनी बेटी के लिए पति नहीं राक्षस चुन रहे है।.
शादी के बाद भारती ने एक छोटी सी बच्ची को जन्म दिया इसके कुछ सालों बाद उनके दो जुड़वा बच्चे हुए। भारती के पति संजय बेरोजगार थे और घर का किराया निकालने के लिए अपने पिता के पैसे बर्बाद कर रहे थे। इसके बाद संजय भारती को बिना बात के पीटता था। दिन पर प्रतिदिन उसका पति क्रूर होता गया और भारती को रोज पीटने लगा,इस वजह से भारती कई बार हॉस्पिटल भी जा चुकी है। भारती को ऐसे डर के माहौल में जीना पड़ा।ऐसे भयानक माहौल से बचने के लिए भारतीय अपने माता-पिता के घर चली गई। भारती 1 महीने तक घर से बाहर नहीं निकली और उसने लोगों से बातचीत भी बंद ही कर दी।
भारती को ऐसे अंधकार पूर्ण जीवन जीना पड़ा ऐसे में उसके बच्चे ही उसके लिए आशा का किरण बने। इनके बच्चों ने इन्हें को कुछ नया सीखने, प्रतियोगिताओं में भाग लेने और स्ट्रेस से बाहर आने के लिए काफी मोटिवेट किया। भारती के भाई ने बच्चों के लिए उसे नौकरी करने के लिए कहा।
2005 में भारती एक फैक्ट्री खोली जिसमें 2 कर्मचारियों के साथ मुलुंड में काम शुरू किया जिसमें टूथब्रश, बॉक्सेस, और टिफिन बॉक्स जैसी छोटी वस्तुएं बनती थी। इसके लिए भारती ने पिता से 6 लाख रुपए उधार ली थे। भारती ने यह काम पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि अपने अवसाद को दूर करने के लिए किया था।
इतना सब कुछ होने के बाद भी संजय का राक्षसपना कम नहीं हुई वह भारती को घर और सार्वजनिक रूप से पीटने लगा। एक इंटरव्यू में भारती ने कहा- "कि जब मैं पुलिस के पास मदद के लिए गई तो उन्होंने मेरी कोई मदद नहीं की क्योंकि मेरे पति का पुलिस प्रशासन से कनेक्शन था।"
तीन चार साल के बाद भारती ने एक पीईटी नाम की एक फैक्ट्री और खुली जिसमें प्लास्टिक की बोतले बनाई जाती है। अपने कस्टमर्स को संतुष्ट करने के लिए खुद प्रोडक्ट की क्वालिटी चेक की। इन सब के बाद उन्होंने काफी मान सम्मान मिला। इसके बाद उन्हें सिप्ला और बिसलेरी जैसी बड़ी कंपनियों के आर्डर मिलने लगे।
इसके बाद 2014 में पति संजय ने भारती को फिर फैक्ट्री के कर्मचारियों के सामने पीटा था। उनके बच्चों से यह सहन नहीं हो पाया और उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह अपने घर वापस चले जाए। इस घटना के बाद भारती ने चार फैक्ट्रियां खोली थी, जिनकी सालाना इनकी 4 करोड़ रुपए है। इस प्रकार भारती के अंधकार पूर्ण जीवन में भी प्रकाश की रोशनी आ गई थी इसके बाद भारती और उनके बच्चे अपना जीवन खुशी से जीने लगे।