देश में ऐसा प्रयोग पहली बार, कई रिसर्च के बाद स्टील से बनाई गई सड़क...! आगे भी होंगे ऐसे कई बड़े काम...
दोस्तों इंडिया में ऐसा पहली बार होगा कि एक स्टील की सड़क बनाई जा रही है यह स्टील की सड़क गुजरात की सूरत में बनेगी। आर्टिकल को पढ़कर आप जरूर सोच रहे होंगे कि पूरी रोड स्टील की बनी होगी, लेकिन ऐसा नहीं है दरअसल देश में स्टील प्लांट से निकलने वाले कचरे से इस रोड़ को बनाया जाएगा। आंकड़ों के अनुसार इंडिया में हर साल अलग-अलग स्टील प्लांट से लगभग 19 मिलियन टन कचरा निकाला जाता है अब तो ऐसे हालत हो चुके हैं कि स्टील के कचरे के कई ढेर लग गए हैं।
देश में पहली बार बन रही ऐसी रोड़
देश में ऐसा प्रयोग पहली बार होगा कि स्टील से सड़क बनेगी। कई रिसर्च के बाद सूरत में स्टील के कचरे से 6 लोन की सड़क प्रयोग द्वारा बनाई गई। स्टील के कचरे के इस प्रयोग से फिलहाल अभी 1 किलोमीटर लंबी सड़क ही बनाई गई। अगर इसका प्रयोग सफल रहा तो देश में हाईवे और रोड़ आदि बनाने में स्टील का प्रयोग होगा।इस प्रकार से देश का विकास तो होगा ही साथ में स्टील के कचरे से भी छुटकारा मिलेगा। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) सहित इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग की सहायता से तैयार किया गया। यह परियोजना वेस्ट टू वेल्थ और स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ी है।
आखिर स्टील कचरे से सड़क कैसे बनेगी?
स्टील कचरे से सड़क बनाने के लिए सर्वप्रथम एक लंबी प्रक्रिया के दौरान स्टील के कचरे से गिट्टी बनाई जाएगी इसके बाद इसका प्रयोग सड़क बनाने में किया जाएगा सीएसआईआर के मुताबिक ऐसी बनाई गई सड़क की मोटाई को 30% तक घटाया गया ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि स्टील कचरे की इस तकनीक से बनी सड़क ज्यादा मजबूत होगी और मानसून सीजन में इसके खराब होने की संभावनाएं भी कम है।
CRRI के प्रिंसिपल वैज्ञानिक सतीश पांडेय ने कहां- भारी भरकम ट्रकों के चलने के कारण हजीरा पोर्ट पर 1 किलोमीटर लंबी सड़क पहले बहुत खराब स्थिति में थी। इसके बाद सरकार ने प्रयोगों के तहत सड़कों के सुधार के लिए स्टील का प्रयोग किया। अब हर रोज लगभग 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर इस सड़क से गुजरते हैं लेकिन इस सड़क को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। सतीश पांडेय के मुताबिक स्टील के कचरे के प्रयोग से हाईवे और अन्य रोड़ में भी बनाए जाएंगी, इससे बनी सड़कें बहुत मजबूत होती हैं। भारत में इस्पात संयंत्र से हर वर्ष 19 मिलियन टन स्टील का कचरा निकलता है और एक रिपोर्ट के अनुसार इसके 2030 तक 50 मिलियन टन तक बढ़ने की संभावना बताई जा रही है।