हिजाब प्रतिबंध पर हाईकोर्ट का फैसला: इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं हिजाब, स्कूल में पहने यूनिफॉर्म
हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद के ऊपर अपना बयान सुना दिया है। न्यायालय ने कहा की इस्लाम में अब हिजाब जरूरी नहीं होगा।
आखिरकार कर्नाटक गवर्नमेंट ने हिजाब बयान पर अपना फैसला सुना दिया है जिसमें कहा कि हिजाब अब जरूरी नहीं। शैक्षिक संस्थाओं में हिजाब बंद न हो को लेकर कई याचिकाओं को सरकार ने बहिष्कृत कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि फरवरी के बाद सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनेगा। साथ ही यह भी कहा कि स्कूल यूनिफार्म सभी बच्चों के लिए अनिवार्य है जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी कर दिए हैं कि शैक्षिक संस्थाओं में हिजाब पहना मना है।
आपको बता दें कि हिसाब को लेकर की गई याचिकओ को भी सरकार ने खारिज कर दिया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षिक संस्थानों में यूनिफार्म को लेकर अपना फैसला सुनाया है कहां सभी स्टूडेंट्स के लिए यूनिफॉर्म पहनना जरूरी है।
कोर्ट ने अपने फैसले के बारे में बताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट ने अपने कुछ सवाल तैयार किए हैं और उसी के अनुसार जवाब भी मिले हैं। कई पहलू पर सोचने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है कि इस्लामिक प्रथा के अनुसार हिसाब एक जरूरी प्रथा नहीं है, ऐसा आर्टिकल 25 में लिखित है।
संविधान के आर्टिकल 19 (1)( क)
जिसमें मानव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रक्षा को बढ़ावा देने की बात की गई। अनुच्छेद मे हिजाब पहनने की प्रथा को संवैधानिक तौर पर भी खरा उतरना पड़ेगा।
इससे पहले कर्नाटक सरकार ने छात्रों के ऐसे कपड़े पहनने पर रोक लगाई है जो अशांति और सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ दे।
आपको बता दें कि उडुपी के एक कॉलेज की 6 लड़कियों ने सरकारी आदेश को खारिज करने की मांग कर्नाटक उच्च न्यायालय से की थी।
इसके बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच की और इस पर अपना फैसला सुना दिया है। इसके बाद कोर्ट ने अपने अंतिम आदेश में राज्य सरकार को फिर से शिक्षण संस्थानों को खोलने की इजाजत दी।