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7 बच्चों के पिता की मृत्यु के होने बाद, किन्नर समाज आगे आया और सभी बच्चों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई-banner
Neha Rajput Author photo BY: NEHA RAJPUT 643 | 0 | 2 years ago

7 बच्चों के पिता की मृत्यु के होने बाद, किन्नर समाज आगे आया और सभी बच्चों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई

बधाई लेने पहुंचे थे, जब पता चला आठ बहन- भाई का इकलौता पालन करता ही नहीं! तो की एक खूबसूरत मिसाल पेश

बात है बीकानेर जिले की। जहां कुम्हारों के घर जश्न का माहौल बना हुआ है क्योंकि यहां आज बसंती और ममता की शादी है। यह 6 बहने और एक भाई है। इनके पिता की पहले ही डेथ हो चुकी है। इन सबको पालने वाली इनकी मां है। खुशी की बात यह है कि दोनों बहने की शादी की जिम्मेदारी किन्नर समाज ने ली है। किन्नर समाज ने 5 साल पहले इन बहनों की शादी का जिम्मा अपने सर ले लिया था।

बीते दिन खुशी के थे

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2017 में बीकानेर में कुम्हारों के घर पर एक बच्चे ने जन्म लिया उसके जन्म पर बधाई देने किन्नरों की टोली पहुंची थी जिन्होंने खुशी में बहुत अच्छा डांस किया था। इनकी लीडर थी गुरु रजनी बाई। वहां इनको पता चला कि इस बच्चे के 

पिता की मृत्यु हो चुकी है।

मसीहा बनकर आगे आया किन्नर आया

जब इनको यह बात पता चली तो यह सब भावुक हो गए। मां की हालत बहुत खराब थी उसे अपने बच्चों की चिंता हो रही थी कि बच्चों का पालन पोषण कैसे होगा। तभी किन्नर समाज मसीहा बनकर आगे आया और इंसानियत की मिसाल की। किन्नर समाज की नेतृत्व करने वाली रजनी बाई ने कहा कि आपके साथ बच्चों की शादी की जिम्मेदारी अब हमारी है। यह बात सुनकर आसपास के लोग खुशी से गदगद हो गए। आपको बता दें कि रजनी बाई का पिछले साल ही देहांत हो गया है। रजनी बाई तो अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी शिष्याए अब उनकी आज्ञा का पालन कर रही है।

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रजनी बाई की शिष्या अब इस किन्नर समाज की अध्यक्ष है जिनका नाम है मुस्कान बाईं। यह अपनी टोली के साथ उन बच्चियों के घर गई वहां के सभी आने वाले बारातियों वह घर के लोगों की संख्याएं पूछ कर भोजन व अन्य सभी कामो की जिम्मेदारी ली।

घर में सामान वितरित किया

आपको बता दें कि किन्नर समाज ने दोनों बहनों को वॉशिंग मशीन, सोफा, सिलाई मशीन, बेड, बर्तन, सोने की रिंग्स, चांदी की पाजेब, कपड़े, एलसीडी टीवी, फ्रिज आदि उपहार में दीए। आपको बता दें कि लगभग 11 लोगों के भोजन की व्यवस्था भी इन्हीं के द्वारा की गई। इस टोली में जलपरी, कोमल, लताबाई, प्रियाबाई, तनु बाई, मोहिनी बाई, समोहिनी, चंदाबाई आदि शामिल थे।

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