गांव से पैदल चलकर 11 साल के बच्चे ने देश के लगभग 11 हजार सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगा यात्रा शुरू की...
दोस्तों इंडियन आर्मी शुरू से ही अपने शौर्य और साहस के लिए अपना जानी जाती है। इनके इसी जज्बे के कारण आज पूरा देश इनको आदर और मान सम्मान देता है। आज हम आपको एक ऐसे बच्चे के बारे में बताने वाले हैं जिसने इंडियन आर्मी के शहीदों को अलग ही ढंग से मान दिया। यह बच्चा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के खंडोली गांव का रहने वाला है उसकी उम्र है 11 साल। इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म पहनकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगा यात्रा शुरू की और यह यात्रा अभी भी जारी है।
अभिनंदन करते हुए दी श्रद्धांजलि
बच्चे ने देश के लगभग सभी शहर, गांव व ढाणियों में शहीदों के घर वालों को पास जाकर तिरंगा फहरा कर उनका अभिनंदन किया। 11 साल के बच्चे ने देश के लगभग 2200 शहीदों के घर जाकर तिरंगा फहराया। जिसमें बच्चे के परिवार के अब तक छह लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। फिलहाल शेखावाटी की धरती पर शहीदों को प्रणाम करते हुए राष्ट्रगान गाकर तिरंगा फहरा रहा है।
यात्रा आगरा से शुरू की
बच्चे देव का कहना है कि शहीदों का अभिनंदन करने के लिए मैंने यह यात्रा आगरा से शुरू की है मेरा लक्ष्य है कि मैं 11000 सैनिकों के घर जाकर उन्हें सलामी दूं। देव का कहना है कि ऐसा करने में मुझे लगभग 5 साल लग जाएंगे। देव अभी सातवीं क्लास में पढ़ता है। वह यह कार्य गर्मी मे और सर्दियों की छुट्टी के अलावा अन्य स्कूल की छुट्टियों में करता है। देव का कहना है कि मैं एक डॉक्टर बनकर सैनिकों की सेवा करना चाहता हूं।
देव ने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा को ईश्वरीय आस्था से जुड़ा है। आपको बता दें कि देव ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए 15 शहीदों के घर की मिट्टी को एक इकट्ठा कर मंदिर के ट्रस्ट के हवाले की थी। इस पवित्र मिट्टी को मंदिर निर्माण के काम में लिया जाएगा।
कैलिफ़ोर्निया के बच्चे से मिली प्रेरणा
देव ने कहा मैंने 4 साल पहले टीवी पर अमेरिका के कैलिफोर्निया के बच्चे को 10 हजार शहीद सैनिकों के स्मारकों पर झंडा फहराने की खबर सुनी थी। उसी को देखकर ऐसा करने की मैंने भी ठान ली। कैलिफोर्निया के इस बच्चे को डोनाल्ड ट्रंप ने सम्मानित भी किया था। जिसके बाद मेरे मन में भी शहीदों के सम्मान की यात्रा करने की इच्छा जागी। मेरे परिवार ने मेरा पूरा पूरा साथ दिया। देव के पिता ने कहा कि देव के अलावा मेरी दो बेटियां और है वे अपने भाई के इस कार्य सम्मान करती हैं और अपने भाई पर उन्हें नाज है।