इसमें आपको दिवंगत अभिनेता ए के हंगल के बारे में जानने को मिलेगा जिन्हें 3 साल तक जेल में रहना पड़ा। और इन्होंने आजादी की लड़ाई भी लड़ी और क्रांतिकारी...
दिवंगत अभिनेता ए.के. हंगल अपनी सादगी और जीवंत अभिनय के चलते Bollywood दुनिया में खासी पहचान थी। शोले में उनके द्वारा निभाया गया रहीम चाचा का किरदार लोगों के दिलों में बस गया था, और इसी कारण ए. के. हंगल को लोग रहीम चाचा के नाम से जानने लगे।
रहीम चाचा यानी ए. के. हंगल की खास बात यह है, कि उन्होंने इस एंटरटेनमेंट की दुनिया में 50 साल की उम्र में काम करना शुरू किया। दरअसल इस बॉलीवुड एक्टर्स की निजी जिंदगी काफी कठिनाइयों से भरी थी। उन्हें भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान पाकिस्तान से पलायन करना पड़ा, साथ ही उनकी पत्नी का कम उम्र में ही निधन। इस एक्टर्स को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
बॉलीवुड एक्टर्स ए के हंगल(रहीम चाचा) का जन्म 1917 में कश्मीर में हुआ। जानकारी के लिए आपको बता दें अपनी युवा अवस्था में वे कराची में ही रहे। भारत-पाकिस्तान बंटवारा होने के बाद उन्होंने मुंबई का रास्ता अपनाया। अभिनेता ए के हंगल को अभिनय का शौख प्रारंभ से ही था, फिल्मों में आने से पहले वे थिएटर में काम किया करते थे। 60 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड में कैरेक्टर आर्टिस्ट के रूप में अपना काम करना शुरू किया। बॉलीवुड अभिनेता ए के हंगल का फिल्म शोले का डायलॉग "इतना सन्नाटा क्यों है भाई" काफी मशहूर हुआ था।
जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे कि अभिनेता ए के हंगल ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। अभिनेता ए. के. हंगल बतौर जेहनी मार्क्सवादी होने की बदौलत उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लिया। जिस कारण ए. के. हंगल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और 3 वर्ष कराची के जेल में गुजारे थे। विभाजन के बाद 1949 में ए के हंगल मुंबई आए और अपने अभिनय का शौक पूरा करने के लिए 50 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा।