कोई अपना नहीं ? समाज ने ठुकराया अपनों ने कहाँ अपनाया, मै एक मासूम दिल की हूँ मै प्यार की भूखी हूँ, मै जोइता! मुझे सुनकर रो पड़ेंगे आप, किसी के साथ ना होने
दोस्तों हमारे समाज में आज भी कई ऐसे लोग मौजूद हैं जो किन्नरों को अलग नजर से देखते हैं। लेकिन अब समय बदल गया है लोग शिक्षित हो गए हैं। अब यहां लोगों को जात पात और गोरा काला से ऊपर उठकर देखना चाहिए। एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। आज आपको एक किन्नर जज के बारे में बताते हैं। आज हम बात कर रहे हैं जोइता मंडल जिन्होंने उन लोगों के मुंह पर तमाचा मार दियाया है जो कहते हैं कि किन्नर धरती के लिए बोझ है। और वह कुछ नहीं कर सकते। लेकिन जोइता मंडल ने अपनी मेहनत के बदौलत जज बनकर इस बात को गलत साबित कर दीया है। आपकी शारीरिक बनाबट से आप कुछ नहीं कर सकते, अगर आपके इरादे मजबूत हो तो आप जो चाहे उस चीज को हासिल कर सकते हैं।
बता दें कि जोइता मंडल देश की पहली किन्नर जज बन गई है। जोइता मंडल ने कहा कि हमने बहुत बुरा वक्त भी देखा है। एक समय ऐसा था कि हम लोगों के घर-घर जाकर बधाइयां मांगा करते थे और लोगों के ऊपर से ताने सुना करते थे। जब हम रास्ते में चला करते थे तो लोग हमें गालियां देते थे और हमें राह चलते लोग अलग नजर से देखते थे। लेकिन उसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी और पूरी मेहनत और शिक्षा के साथ हमने अपनी पढ़ाई कंप्लीट की। एक समय ऐसा आया कि हम जज बन गए। उन्होंने अपने माध्यम से लोगों को एक संदेश भी दिया है कहा है कि चाहे मुसीबत कितनी भी आ जाए लेकिन घबराना नहीं चाहिए हमको।