भारतीय रेलवे; टिकट आरक्षण के बावजूद बुजुर्ग को नहीं मिली सीट, रेलवे भरेगा 1,00,000 रुपए का जुर्माना, यदि हो आपके साथ ऐसा तो करें यह काम...
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने दिल्ली जाने के लिए ट्रेन की टिकट बुक कराई थी, लेकिन रेलवे की लापरवाही के कारण बुजुर्ग को ट्रेन में खड़े-खड़े ही दिल्ली तक की यात्रा करनी पड़ी। बुजुर्ग के रिजर्वेशन कराने के बाद भी ट्रेन में सीट नहीं मिली। जब यह मामला उपभोक्ता न्यायालय तक पहुंचा तब जाकर न्यायालय ने रेलवे को फटकार लगाई और बुजुर्ग को एक लाख का जुर्माना देने का आर्डर दिया।
नई दिल्ली
ट्रेन में सफर के दौरान कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए लोग एक-दो महीने पहले ही एडवांस में टिकट बुक करवा लेते हैं। लेकिन इस मामले में बुजुर्ग को सीट नहीं मिली और इन्हें खड़े-खड़े ही दिल्ली तक की पूरी यात्रा करनी पड़ी। यह घटना बुजुर्ग व्यक्ति इंद्र नाथ झा के साथ हुई थी जो बिहार के रहने वाले थे।
रेलवे अब बुजुर्ग व्यक्ति को जुर्माने के तौर पर एक लाख रुपए देगा। उपभोक्ता आयोग दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन ने इंद्र नाथ झांकी शिकायत पर रेलवे के जनरल मैनेजर को फटकार लगाई। उपभोक्ता आयोग का कहना है कि लोगों को सफर के दौरान परेशानी का सामना ना करना पड़े इसके लिए वे एडवांस में रिजर्वेशन करवाते हैं लेकिन बुजुर्ग व्यक्ति को सफर के दौरान काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा इसके लिए हम माफी चाहते हैं।
जानें मामला
जानकारी के अनुसार रेलवे अधिकारियों ने बुजुर्ग व्यक्ति की कंफर्म हुई टिकट को किसी अन्य को दे दी। जब बुजुर्ग ने इस बारे में टीटीई से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि स्लीपर क्लास में उनकी सीट बुक कर दी गई है। लेकिन जब भी वहां पहुंचे तो रेल अधिकारियों ने उन्हें सीट ही नहीं दी थी। ऐसे में एक बुजुर्ग व्यक्ति को बिहार से दिल्ली तक खड़े खड़े ही सफर करना पड़ा।
इन सबके बावजूद भी रेलवे अधिकारियों ने बुजुर्ग की शिकायत का विरोध किया और कहा कि इसमें हमारी कोई भी गलती नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि झा ने बोर्डिंग प्वाइंट पर ट्रेन नहीं पकड़ी और 5 घंटे बाद किसी अन्य स्टेशन पर जाकर ट्रेन पकड़ी थी। ऐसे में टीटीई को लगा कि वे ट्रेन नहीं पकड़ेंगे और नियमों के अनुसार वह सीट वेटिंग पैसेंजर को दे दी गई।
रेलवे अधिकारियों की दलील
उपभोक्ता आयोग ने रेलवे अधिकारियों की इस बात को नहीं मानी। आयोग का कहना है कि स्लीपर क्लास के टीटी ने एसी क्लास के टीटीई को कहा था कि पैसेंजर ने ट्रेन पकड़ ली है और वह थोड़ी देर बाद पहुंच गए थे। आयोग का कहना है कि यात्री को अपनी रिजर्व सीट पर बैठने का पूरा हक है और ऐसे बंधे हुए सामाजिक नियमों की पालना की भी जरूरत नहीं है।
आयोग ने कहा यह रेलवे अधिकारियों की साफ-साफ लापरवाही है। बुजुर्ग ने जब 1 महीने पहले ही रिजर्वेशन करवा लिया था तो उसके बाद भी उन्हें खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ी। आयोग ने रेलवे अधिकारियों से कहा कि अगर उनका बर्थ अपग्रेड कर दिया गया था तो इसकी जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी। यह खुद रेलवे अधिकारियों की लापरवाही है।