दोस्तों कलयुग में एक कहावत है कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वही बनेगा जो इसका सही?
दोस्तों कलयुग में एक कहावत है कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा। राजा वही बनेगा जो इसका सही हकदार होगा। कुछ ऐसा ही काम एक ट्रक ड्राइवर के बेटे ने कर दिखाया है। दोस्तों दरअसल उसने जो अपनी मेहनत के दम पर कर दिखाया है वह अपने आप में एक मिसाल है। आपने जीवन में कई आईएएस और आईपीएस ऑफिसर की कहानी तो सुनी होंगी। लेकिन आज की कहानी थोड़ी अलग है। एक ड्राइवर का बेटा जब यूपीएससी जैसी देश की कठिन परीक्षा में अपना परचम लहराया तो उसके पूरे मोहल्ले के लोग बधाई देने आए।
इस ऑफिसर का नाम पवन कुमार है। बता दें कि पवन कुमार कुमावत की पढ़ाई लिखाई शहर के ही किसी पब्लिक स्कूल से शुरू हुई है। ट्रक ड्राइवर रामेश्वरलाल अपने बेटे के भविष्य के लिए गांव को दूर छोड़कर नागौर शहर में आकर रहने लगे थे। यहां पवन ने अपनी आगे की पढ़ाई की और पढ़ाई पूरी करने के बाद जयपुर चले गए।
पवन कुमार ने अपने सफ़र में आने वाली मुश्किलों के बारे में बताया। घर में बिजली न होने पर लालटेन या चिमनी जलाकर पढ़ाई करते थे। पवन ने अपनी इस पूरी सफलता का श्रेय अपने परिवार को ही दिया है। उन्होंने बताया कि बचपन में उनकी दादी जी उन्हें धार्मिक कहानियां सुनाती थी, जिसमें ध्रुव तारे की कहानी सुनना उन्हें काफी पसंद था। इसे सुनने के बाद उनके मन में जीवन में कुछ बड़ा करने की जिज्ञासा पैदा हुई। इसके अलावा उन्होंने बताया की जब से मेरी दादी ने मुझे कड़ी मेहनत करने का मूलमंत्र बताया है तब से ही मैंने जीवन में सफल होने का मन बना लिया था।