कूनो नेशनल पार्क भारत में आ रहे चितो को आजमाने के लिए सजाया गया, कूनो पार्क की बाढ़ बंदी के लिए खंडवा का बास और बलिया बड़ी संख्या में कूनो नेशनल...
कूनो नेशनल पार्क भारत में आ रहे चितो की आगवानी के लिए सजा, इस पार्क की बाढ़ बंदी के लिए खंडवा का बास और बलिया बड़ी संख्या में कूनो में भेजीगई, क्यों की जिस दिन कूनो नेशनल पार्क में चितो की आगवानी हुई, उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी था, और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इन चितो को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने आये, लोग इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए बड़ी संख्या में वहां पहुंचें, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां वार्ड बंदी की गई, बंदी के लिए खंडवा के जंगलों का बास और बलिया कूनो नेशनल पार्क में भेजी गई ।
कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से भारत आये चिते बहुत ही जल्द देश के लोगों को नजर आने वाले है, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चितो को कूनो नेशनल पार्क में छोड़कर "चीता सेंचुरी" का आरंभ किया।
चितो से पर्यटन को लगेंगे पंख! कूनो के आसपास तेजी से बढ़ी जमीन के दाम
हम आपको इस बात की जानकारी दे दें कि कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खंडवा के जंगलों के उच्चस्तरीय बांस और बलिया ट्रक में लोड करके कूनो गए, खंडवा के जंगलों के बास और बलिया अच्छी क्वालिटी के होते हैं, मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह का कहना है कि यह ऐतिहासिक क्षण है।
खंडवा वन विभाग के डीएफओ देवांशु शेखर ने बताया कि खंडवा के जंगलों में उच्च स्तरीय भाषा और बलिया प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जो कि पूरे देश भर में उत्तम और मजबूत गुणवत्ता के माने जाते हैं, इसीलिए कूनो नेशनल पार्क में हो रहे कार्यक्रम के लिए खंडवा के जंगलों का बास और बलिया वहां की सुरक्षा,टेंट, पार्टीशन सहित अन्य कार्य में उपयोग के लिए कूनो गये।
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीते लाए जाने की खबर के साथ ही वहां के इलाकों के आसपास की जमीनों के भाव आसमान छूने लगे हैं और उन जमीनों को खरीदने के लिए वहां बड़े-बड़े उद्योगपति आ रहे है, असल में वहां चितो के आने से पर्यटनो की बढ़ने की उम्मीद है, जिसकी वजह से बड़े-बड़े उद्योगपति वहां रिसोर्ट बनाने के लिए जमीन की तलाश कर रहे हैं या फिर खरीद भी चुके हैं।