पिता ने जैसे तैसे करके शूटिंग राइफल खरीदी, मिस फायर की वजह से क्लब से सस्पेंड किया गया तो चली गई डिप्रेशन में.
पिता ने कर्जा लेकर खरीदी राइफल… डिप्रेशन से लड़ी, 15 साल की उम्र में सेरामपुर राइफल क्लब मे ली ट्रेनिंग, आज बेटी ने वर्ल्ड कप में लहराया भारत का परचम!
by SUMAN CHOUDHARY
पश्चिम बंगाल की रहने वाली मेहुली घोष ने साउथ कोरिया में चल रही है आईएसएसएफ वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर राइफल के मिक्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। मेहुली की इस सफलता पर पूरा परिवार ही नहीं बल्कि पूरा देश खुशियां मना रहा है। मेहुली ने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की और आज उन्होंने अपनी जीत का परचम लहरा दिया। तो आज हम आपको शूटर मेहुली की कहानी सुनाने वाले हैं।
अभिनव बिंद्रा से मिली इंस्पिरेशन
मेहुली पश्चिम बंगाल के सेरामपुर की रहने वाली है। यह सीआईडी ऑफिसर दया की बहुत बड़ी फैन भी है। टीवी पर शोले फिल्म में जय वीरू के निशानेबाजी वाले दृश्य भी मेहुली को बहुत पसंद आते थे इन्हें बचपन से ही गन,पिस्टल और शूटिंग का शौक था। ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता तो इन्होंने अपने पिता से शूटिंग राइफल खरीदने की जिद की।
मेहुली के घर की आर्थिक की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी , उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बेटी के लिए राइफल खरीद सके इसलिए उन्होंने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लेकर बेटी के लिए राइफल खरीदी।
15 साल की उम्र में सेरामपुर राइफल क्लब मे ली ट्रेनिंग
खबरों की माने तो 15 साल की मेहुली ने 2015 में पश्चिम बंगाल में स्थित सेरामपुर राइफल क्लब में ट्रेनिंग सेशन के दौरान मेहुली से एक शॉट मिसफायर हो गया जिससे वहां पर खड़े कर्मचारी के पैर में लग गई जिसके बाद मेहुली को क्लब से सस्पेंड कर दिया गया था।
सस्पेंड होने के बाद मेहुली डिप्रेशन में चली गई और इन्होंने खेल से बैक आउट कर लिया। इसके बाद इन्होंने सालों तक किसी भी कंपटीशन में हिस्सा नहीं लिया। मेहुली को तनाव से बाहर निकालने में इनकी मां का सबसे बड़ा हाथ रहा।
मेहुली डिप्रेशन में चली गई थी इस बात का पता मां मिताली को चल गया था इन्होंने मेहुली को मेंटल हेल्थ कोच में डाल चक्रवर्ती के पास इलाज के लिए भेजा। मां ने उनसे कहा कि इस घटना के चलते मैं मेरी बेटी का कैरियर बर्बाद होते नहीं दे सकती, आप उसको फिर से जीने की राह दिखाइए।
इसके बाद मेहुली अपनी मां को सब बातें बताया करती थी मां अपनी बेटी का बहुत ध्यान रखती थी। धीरे धीरे मेहुली तनाव से बाहर आने लगी इसके बाद मेहुली ने फिर से शूटिंग राइफल उठा ली।
शूटिंग वर्ल्ड कप में जीता गोल्ड मेडल फहराया तिरंगा
मेहुली ने कड़ी मेहनत की और यह नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने में सफल हुई जिसके बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। माता पिता को भरोसा था कि मेहुली ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा की तरह गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश का नाम रोशन करेगी।
मेहुली के पिता ने कहा कि ओलंपिक की तैयारी मेहुली ने हैदराबाद में ट्रेनिंग लेकर कर रही हैं। माता पिता को बुरा लग रहा था कि बेटी उनके साथ नहीं रह पा रही है लेकिन उन्हें इस बात पर गर्व भी था कि उनकी बेटी अपने सपने को पूरा करने और देश का नाम एक दिन रोशन करने के लिए लगातार मेहनत कर रही है।
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