पिता ने अपना घर बेचकर बेटे को आईएएस ऑफिसर बनाने के लिए दिल्ली भेजा, इस बारे में बेटे को पता चला तो वह खुशी से रोने लगा

आईपीएस बने बेटे को घर बेचकर पढ़ाया, जब मालूम पड़ा गांव वालों को तो सबकी आंखों में आ गये आशु...

by NEHA RAJPUT

पिता ने अपना घर बेचकर बेटे को आईएएस ऑफिसर बनाने के लिए दिल्ली भेजा, इस बारे में बेटे को पता चला तो वह खुशी से रोने लगा

अगर आपका हौसला और लगन सच्चा हो तो चाहे सिचुएशन कैसे भी हो आप अपने लक्ष्य को पा ही लेते हैं आज हम आपको एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने फर्स्ट अटेम्प्ट मे ही यूपीएससी क्लियर कर लिया। इनका नाम है प्रदीप सिंह ऑल इंडिया में इनके 26 वी रैंक आई।

प्रदीप सिंह आखिरकार है कौन

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प्रदीप सिंह बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं। इनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है इनके पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते हैं‌ लेकिन एक पिता के तौर पर अपने बच्चों की सारी जिम्मेदारियां पूरी करते हैं। प्रदीप बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे। आपको बता दें कि इन्होंने अपनी स्कूल की हर एक क्लास में टॉप किया है। इनके पिता जानती थी कि मेरा बेटा आगे चलकर बहुत बड़ा ऑफिसर बनेगा और उनका यह सपना सच भी हो गया।

बेटे प्रदीप को पढ़ाने के लिए बिताने अपना घर भेज दिया और उसे पढ़ने दिल्ली भेज दिया। दिल्ली में रहते हैं प्रदीप में आईएएस की कोचिंग करना चाहते थे लेकिन कर नहीं पाए क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, यह बात वह अपनी पिता को भी नहीं कह पा रहे थे। प्रदीप के पिता को पता चला कि मेरा बेटा आईएएस की तैयारी करना चाहता है तब उन्होंने प्रदीप को पढ़ने दिल्ली भेजा।

फर्स्ट टाइम में ही यूपीएससी क्लियर किया

प्रदीप 2017 में दिल्ली आए थे इनके पिता को इनसे काफी उम्मीदें भी थी। प्रदीप ने दिल्ली में बाजीराव कोचिंग ज्वाइन की और अपनी यूपी से एग्जाम की तैयारी में पूरे मन से जुट गए। इसी दौरान प्रदीप को पता चला कि पिता ने मुझे पढ़ाने के लिए अपना घर ही भेज दिया। यह देखकर प्रदीप और अधिक मेहनत में जुट गए और पढ़ने मेरा दिल लगा दी। यूपीएससी के पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया में प्रदीप की 93 वीं रैंक आई। यह बात जब इनके पिता को पता चली तो वह खुशी से झूम उठे।

93 वीं रैंक आने खुश नहीं हुए प्रदीप 

दो हजार अट्ठारह में प्रदीप में ऑल इंडिया में 93 वी रैंक हासिल की लेकिन वह अपने नंबरों से खुश नहीं थे इसलिए उन्होंने दोबारा यूपीएससी एग्जाम दिया और 2019 में 26 वी रैंक हासिल की और एक आईएएस ऑफिसर बने।

माता पिता का करते थे सम्मान

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आपको बता दें कि इनके पिता से एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि आप बच्चों की शिक्षा को लेकर क्या कहना चाहते हैं तब उन्होंने कहा कि मैं एक पेट्रोल पंप पर काम करता हूं मैंने अपने बच्चों को पढ़ा लिखा है ताकि वह अपने जीवन को बेहतर बना सकें।

मैं अपने बेटे की सफलता पर बहुत परेशान हूं। मैं इस बात से और अधिक खुश हूं कि बेटे ने आम लोगों से हटकर कुछ अलग चुना। इसी बीच उन्होंने घर में पैसों की तंगी के चलते हो रही दिक्कतों के बारे में भी बताएं।

एक इंटरव्यू के दौरान प्रदीप ने कहा कि मेरे पिता ने आर्थिक तंगी के भी चलते हैं मेरी शिक्षा में पैसों की कभी कमी नहीं होने दी। मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा। मेरे पिता कहते थे कि तुम इन चक्रों में मत पढ़ो बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो।

दोस्तों आपको प्रदीप सिंह की कहानी से इंस्पिरेशन जरूर मिली होगी। आईएएस ऑफिसर प्रदीप का मानना है कि मैं पेरेंट्स लोगों से कहना चाहता हूं कि आपके बच्चे जो बनना चाहते हैं उन्हें बनने दे।

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