पिज़्ज़ा डिलीवरी से शुरू किया था काम, खुद की मेहनत से खड़ी की कंपनी जो सालाना कमाती है 10 करोड़ रुपये

कभी पिज़्ज़ा डिलीवरी करने वाली यह लड़की आज अपने खुद के टैलेंट से कम आती है सालाना 10 करोड़ रुपए

by SNEHA SHARMA

पिज़्ज़ा डिलीवरी से शुरू किया था काम, खुद की मेहनत से खड़ी की कंपनी जो सालाना कमाती है 10 करोड़ रुपये

दोस्तों आज हम ऐसी महिला की बात कर रहे जिनकी कहानी से आप में भी उत्साह आ जाएगा। एक लड़की जिसका नाम है मनीषा गिरोत्रा जिन्होंने अपना बचपन शिमला की सुनसान पहाड़ियों में बिताया जिन्होंने देश में अपना नाम कमाया है। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट होने के बाद, यहां उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता। मनीषा ग्रिडलेज द्वारा चुने गए 50 नए लोगों में से एक थी। निवेश बैंकिंग खंड में उनका योगदान सराहनीय है।

Image source - Google search

आज वह स्वतंत्र निदेशक के रूप में माइंडट्री, अशोक लीलैंड और फ्रांसीसी कंपनी टेक्निप एफएमसी के बोर्ड रूम में शामिल हुई। इन्हें कंपनियों के प्रमुख विलय और अधिग्रहण का श्रेय भी दिया जाता है। जैसे भारतीय एयरटेल का अफ्रीकी टावरों का अधिकार और अल्ट्राटेक सीमेंट का जेपी एसोसिएट्स का अधिकार है।

मनीषा का पहला काम कंपनियों को स्टेटमेंट देना होता था इसी के साथ वह पिज़्ज़ा डिलीवरी का काम भी करती थी. पहले तो इन्हें इस में कोई ज्यादा रुचि नहीं थी लेकिन बाद में उन्हें अपना काम पसंद आने लगा। ग्रिडलेज में कुछ समय काम करने के बाद मनीषा यूनियन बैंक ऑफ़ स्विट्ज़रलैंड में काम करने लगी। यहां उन्होंने 13 साल तक काम किया और जब इन्होंने यह काम छोड़ा तो यह कंपनी की सीईओ बन गई।

33 वर्ष की आयु में यह कंपनी की सीईओ बनी थी। इनका कहना है-"इस सब के लिए मैं अपने परिवार को धन्यवाद कहना चाहूंगी, इन सबके अलावा जब मुझे कक्षा में दूसरा स्थान मिला था मुझे आत्म निरीक्षण करने के लिए कहा गया। और आज जहां मैं हूं यह मेरे अच्छे प्रदर्शन का नतीजा है।"

इनका कहना है कि महिलाएं भी बोर्डरूम के अनुकूल है क्योंकि महिलाएं अपनी संवेदनशील सोच के जरिए पुरुषों की समस्याओं को बेहतर तरीके समझ सकती है और वे कंपनी के प्रति ईमानदार भी रहती है। आगे कहती हैं कि महिलाओं के रूप में उन्हें एक वफादार कर्मचारी मिल जाता है क्योंकि वह अपनी नौकरी को अपने जीवन का हिस्सा ही बना लेती है।

जब मनीषा न्यूयॉर्क की कंपनी मोयलिस में शामिल हुई तो इसके बाद इन्होंने मोइलिस इंडिया की स्थापना की और इसमें उन्होंने भारतीय इकाइयों का नेतृत्व किया। उस समय आर्थिक बाजार बहुत महंगा था और ऐसे में मनीषा ने पंद्रह सौ कर्मचारियों के साथ अपना काम शुरू किया।

Image source - Google search

तब इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन इस समय के बाद की मोइलीस कंपनी, भारत में शीर्ष 10 विलय और अधिग्रहण कंपनियों में से एक बनी। महिलाओं के काम की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि-आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है आईआईटी हो, पत्रकारिता हो, बैंकिंग हो हर जगह महिलाएं अपना परचम लहरा रही है। यह अच्छी बात है क्योंकि महिलाओं का आईक्यू लेवल उच्च है।

महिलाएं अपनी योग्यताओं की वजह से उच्च पदों पर भी देखी जा सकती हैं। मनीषा ने नैस्पर्स लिमिटेड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में 2020 में 10 करोड़ रुपए की कमाई की।

Related Articles

These articles might be interesting for you as well: