झुग्गी बस्ती में रहता, घर में पांच भाई बहन, मां की महीने की तनखा 30 रूपए, आज अपनी मेहनत के बलबूते पर बना सक्सेसफुल बिजनेसमैन....
गरीबी में पला बढ़ा मेहनती और जुनूनी लड़का, 30 रु वेतन में मां चलाती थी घर, शिक्षा के बलबूते पर बना करोड़पति....
by SUMAN CHOUDHARY
दोस्तों सरथ बाबू आज अमीर व्यक्तियों की श्रेणी में आते हैं लेकिन इनके जीवन में कभी ऐसा समय भी था जब यह झुग्गी झोपड़ी में रहा करते थे इनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी लेकिन यह कहते थे कि इंसान अपनी मेहनत से अपने भाग्य को भी बदल सकता है वह अपने मेहनत के दम पर किसी भी सफलता को प्राप्त कर सकता है। सरथ बाबू ने अपने मेहनत के बलबूते पर शिक्षा के जरिए अपनी गरीबी को भी हरा दिया और आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन है।
सरथ के दो बड़ी बहनों और छोटे भाई हैं परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और इतने बड़े परिवार का ध्यान रखना बहुत कठिन हो रहा था परिवार की सारी जिम्मेदारी मां पर थी मां एक विद्यालय में मिड डे मील बनाने का काम करती थी इस काम के लिए उन्हें हर महीने 30 रूपए मिलते थे और 30 रूपए उसे घर चलाना बहुत मुश्किल था मां जैसे तैसे करके दो वक्त भोजन का इंतजाम कर पाती थी।
इन रुपयों से गुजारा बहुत मुश्किल हो रहा था और बच्चों की पढ़ाई के बारे में सोचना तो बहुत दूर था लेकिन मां अपने काम में डटी रही मां बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए एक साथ तीन काम करती थी। मां के इसी त्याग और समर्पण की वजह से सरथ बाबू आज इतने सफल मुकाम तक पहुंचे हैं।
इस आर्थिक स्थिति ने सरथ की शिक्षा जीने की बहुत कोशिश की लेकिन यह पढ़ने में बहुत होशियार थी दसवीं में भी उन्हें बहुत अच्छे अंक प्राप्त हुए। इसके बाद धीरे-धीरे सरथ अपनी मां का काम में हाथ बताने लगे इन्होंने बुक बाइंडिंग का काम शुरू किया और अपनी 12वीं क्लास तक की फीस खुद भरी, यह काम भी करते और साथ में पढ़ाई भी।
इन्होंने आगे की पढ़ाई बिट्स पिलानी से शुरू की इसके बाद उन्हें लाखों की नौकरी के पैकेज का ऑफर मिला लेकिन इन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया क्योंकि यह कुछ बड़ा करना चाहते थे इसके बाद उन्होंने फूड सप्लाई बिजनेस का काम शुरू करने का फैसला किया उन्होंने इसे फूड किंग केटरिंग सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर कराया । शुरू में सरथ कंपनियों में चाय कॉफी और स्नैक्स सप्लाई करते थे इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफर आने लगे धीरे धीरे उनका काम रफ्तार पकड़ने लगा इन्होंने इंडिया में कई जगह फूड कैटरिंग नाम से कई रेस्टोरेंट भी खोलें। झुग्गी झोपड़ी से निकले सरथ आज अपनी मेहनत के बलबूते पर इतनी सफल बिजनेसमैन बने हैं। इन्हें यह प्रेरणा अपनी मां से मिली।
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