गवर्नमेंट टीचर बनने की ऐसी ललक 42 साल की उम्र तक की कोशिश, जाने कैलाश के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी

लगातार प्रयास के बाद भी मिली 11वीं बार असफलता, 4 साल विदेश में की मजदूरी फिर शिक्षक बन पेश की मिसाल

by SUMAN CHOUDHARY

गवर्नमेंट टीचर बनने की ऐसी ललक 42 साल की उम्र तक की कोशिश, जाने कैलाश के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी

यदि व्यक्ति में कुछ करने की सच्ची लगन हो तो वह अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंच जाता है। आज हम आपको ऐसी ही एक व्यक्ति की स्ट्रगल की कहानी आपको सुनाने वाले हैं। यह कहानी है सीकर के बिदासर में रहने वाले कैलाश सेन की। यह कंपटीशन एग्जाम में 11 बार फेल हो चुका था, इसके बाद वह विदेश में मजदूरी के लिए चला गया। कैलाश का हौसला इतना पक्का था कि उसने गवर्मेंट टीचर बनकर ही माना। आज कैलाश ने यूथ के सामने नई मिसाल खड़ी कर दी है।

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कैलाश सिंह बचपन से ही एक अध्यापक बनना चाहता था इसके लिए उसने बहुत प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। कैलाश थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में एक नंबर और सेकंड ग्रेड में तीन नंबर से रह गया था। क्लास के घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए उसे मजदूरी करनी पड़ी। यह अपने राज्य राजस्थान में ही मजदूरी का काम करते थे लेकिन जितनी मेहनत करते थे उतने पैसे नहीं मिलते थे, इसलिए इन्हें विदेश जाना पड़ा। विदेश में कैलाश ने लगभग 4 साल तक मजदूरी का काम किया। यह है सऊदी अरब की अलग-अलग कंपनियों में मजदूरी का काम कर चुके हैं। इन सब के बावजूद भी कैलाश का शिक्षक बनने का सपना नहीं टूटा वह मजदूरी करने के बाद भी 4-6 घंटे पढ़ाई के लिए निकाल लेता था। 2018 में कैलाश ने रीट एग्जाम दी लेकिन 3-4 नंबर से रह गया। आपको बता दें कि शिक्षक भर्ती के लिए कैलाश ने 11 बार एग्जाम दी लेकिन असफल रहा। आखिरकार थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में कैलाश अच्छे नंबरों से पास हो गया।

कैलाश दो बार फर्स्ट ग्रेड, 4 बार सेकंड ग्रेड और पांच बार थर्ड ग्रेड की एग्जाम में असफल रहा। यूथ को कैलाश के संघर्ष से सीख जरूर लेनी चाहिए। इन सबके बावजूद भी कैलाश का हौसला नहीं टूटा और वह लगातार प्रयास में जुटा रहा और आज वह एक गवर्नमेंट टीचर है।

42 साल तक की टीचर बनने की कोशिश

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कैलाश ने गवर्नमेंट टीचर बनने के लिए 42 साल तक प्रयास किया। इनका मानना था कि मैं एक गवर्नमेंट टीचर जरूर बनूंगा और आज वह एक गांव में टीचर है भी। कैलाश ने अपनी सफलता के लिए रतन सेन, परमेश्वर शर्मा, महिपाल सिंह आदि को धन्यवाद दिया है। कैलाश ने 20 साल पहले अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की और 3 साल पहले शिक्षा शास्त्री बने थे।

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