घर में रखती थी मवेशियों का ध्यान, पिता थे टैक्सी ड्राइवर, शादी करने का दबाव, आज है एक आईएएस ऑफिसर जाने कहानी..

जानिए भैंस चराने वाली कैसे बनी आईएस अधिकारी, शादी से भी की थी बगावत, पढ़े आईएस वनमती के जीवन की प्रेरणा दायक कहानी....

by NEHA RAJPUT

घर में रखती थी मवेशियों का ध्यान, पिता थे टैक्सी ड्राइवर, शादी करने का दबाव, आज है एक आईएएस ऑफिसर जाने कहानी..

अगर व्यक्ति की मेहनत सच्ची और दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो मनुष्य किसी भी मुकाम तक पहुंच सकता है इस कथन को सही साबित करके दिखाया गरीब परिवार की रहने वाली वनमती ने। यह तमिलनाडु की रहने वाली है। आज हम आपको इनका मवेशियों को पालने से लेकर आईएएस ऑफिसर बनने के सफर के बारे में बताएंगे।

इन्होंने अपने रास्ते में आई हर एक अड़चन के बावजूद भी यह सभी बाधाओं को दूर करती गई और आज इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। आज है हर एक महिला के लिए प्रेरणा बन गई है जाने कहानी-

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खबरों की माने तो यह तमिलनाडु के एक गरीब घर से हूं इनके पिता टैक्सी ड्राइवर थे, घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, जैसे तैसे ही अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई की इसके बाद रिश्तेदार घर वालों पर इनकी शादी का दबाव डालने लगे। यह शादी के लिए नहीं मानी और इन्होंने आईएएस ऑफिसर बनने के लिए बगावत भी कर दी। इन्होंने अपनी शादी से साफ साफ मना ही कर दी, बाद में इन्होंने ग्रेजुएशन और कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की पढ़ाई पूरी होने के बाद इन्होंने अपना पूरा ध्यान यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन मे लगा दिया।

घर का खर्चा उठाने के लिए इन्होंने प्राइवेट जॉब भी की। यह यूपीएससी एग्जाम के पहले प्रयास में असफल रही लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी करती रही 2015 में उन्होंने फिर से यूपी एग्जाम दिया और एग्जाम क्लियर कर लिया।

आपको बता दें कि में मवेशियों को खिलाने और घरेलू पशुओं के पालन पोषण की जिम्मेदारी इनकी होती थी यहां तक कि नहीं भैंस चराने के लिए भी जाना पड़ता था लेकिन इन सबसे ऊपर अपनी पढ़ाई को रखा क्योंकि यह एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी, इन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।

वनमती को आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा रॉयल लाइव दोनों से मिली। पहली, वह महिला जो अपनी होमटाउन जिले में कलेक्टर बनी थी‌। दूसरी, यमुना सरस्वती नाम का एक धारावाहिक, जिसमें एक आईएएस पिक्चर के रूप में एक महिला ने रोल किया। मन में थी लेकिन सभी महिलाओं से प्रेरणा ली और कड़ी मेहनत करके एक आईएएस ऑफिसर बनी।

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