प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, वह अपना रास्ता स्वयं बना लेती है...यह कर दिखाया बकरी चराने वाली लड़की ने.....

घर में बिजली कनेक्शन तक के पैसे नहीं, दिन में बकरी चराने का काम, रात में मोबाइल की टॉर्च से पढ़ाई करती, ट्वेल्थ क्लास में जिले में किया टॉप..

by NIDHI JANGIR

प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, वह अपना रास्ता स्वयं बना लेती है...यह कर दिखाया बकरी चराने वाली लड़की ने.....

अगर आपके पास हुनर है तो संसाधनों की कमी के बावजूद भी आप अपने लक्ष्य को पा ही लेते हैं। ऐसे ही अपने टेलेंट के दम पर इस लड़की ने भी सफलता प्राप्त की यह राजस्थान के अलवर की रहने वाली है उसका नाम है रवीना गुर्जर। घर में संसाधनों की कमी के बाद भी इसने ट्वेल्थ क्लास में 93% लाकर अपने परिवार का नाम रोशन किया।

हम आपको बताना चाहेंगे रवीना जिस परिवार से आती है उस में बिजली कनेक्शन नहीं है, मां के पास बिजली कनेक्शन तक खरीदने के पैसे नहीं है । इसके पिता की भी मृत्यु हो चुकी है यह है मां का हाथ बटाने के लिए दिन में बकरियां चराती है और रात में मोबाइल की रोशनी से पढ़ाई करती है। आज हम आपको बताएंगे रवीना की सफलता की कहानी।

12th क्लास में किया टॉप

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रवीना अलवर जिले के गांव गढ़ी मामोड़ की रहने वाली है यह गांव की सबसे होशियार लड़की है। उसकी उम्र 17 साल है इसके पिता कि सांप डसने से मौत हो गई इस समय यह 12 साल की थी इसकी मां हार्ट की पेशेंट है इनका भी इलाज चल रहा है पूरा परिवार गांव में एक झोपड़ी में रहता है।

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घर की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि बिजली कनेक्शन खरीदने तक पैसे नहीं है इस बच्ची ने लालटेन से पढ़ कर यह सफलता प्राप्त किया रवीना अपनी घर के छोटे भाई बहनों को भी संभालती है बकरिया चराती है दिन में अपने सारे काम करती हो रात में मोबाइल की रोशनी से पढ़ाई करती है।

रवीना चार भाई बहन है इसकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। घर मेरे बिना तीसरे नंबर की बेटी है घर की जिम्मेदारियां तो संभालती ही है साथ में अपनी पढ़ाई भी करती है। इसके घर का खर्चा पालनहार योजना से मिलने वाले 2000 रूपए से ही होता है। मोबाइल भी बाल आश्रम स्कूल चलाने वाली नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के द्वारा दिया गया। रवीना ने ट्वेल्थ में 93% लाकर नारायणपुर खंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

गांव के लोग बधाई देने पहुंचे

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हुनर जब बोलता है तो उसका बहुत दूर तक सुनाई देता है रवीना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ गांव की एक साधारण सी लड़की जो बकरियां चराती थी आज पूरा गांव उसकी सफलता पर उसे बधाइयां देने घर पहुंचा। 12th क्लास में टॉप करने वाली रवीना का पूरे गांव में चर्चा हो रही है पेरेंट्स अपने बच्चों को रवीना की तरह बनने किसी की दे रहे हैं।

रवीना की दादी 90 वर्ष की है इनका नाम है जाना देवी उन्होंने कहा कि बेटी रवीना ने 12वीं क्लास में टॉप करी तो घर में खुशी की लहर दौड़ गई इन्होंने अपनी पोती को आशीर्वाद भी दिया, रवीना आगे पुलिस सेवा में भर्ती होकर लोगों की सेवा करना चाहती है।

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