गांव में किसान के बेटे ने किया खेती-बाड़ी के साथ अपना आईएएस का सपना पूरा, जानिए कैसे???...
अक्सर लोग कहते हैं कि सपना देखना बुरी बात नहीं है, अपने सपने को पूरा करने के लिए कठिन संघर्षों को पार करना पड़ता है,
by MUSTKIM CHOPDAR
राजस्थान के श्रीगंगानगर गांव में रहने वाले एक किसान के बेटे ने जिसका नाम रवि है, उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में आईएएस की परीक्षा पास कर ली और पूरे भारत में 18 रैंक लाकर अपने गांव का नाम रोशन कर दिया, रवि कुमार रेलवे की सेवा करते हुए नजर आ रहे हैं, रवि कुमार के आस-पास के गांव वालों को यह खबर पता चली की रवि ने आईएएस का पेपर क्लियर कर लिया है, सभी लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं, जैसे ही लोगों को यह पता चला की इस परीक्षा को पास करने से पहले रवि ने कितने संघर्षों का सामना किया है और कितनी ठोकरे खाई है, तो लोगों ने उनका सम्मान के साथ स्वागत किया।
रवि कुमार ने अपनी 12 वी की एग्जाम देने के बाद अपने पिता का खेती बाड़ी के काम में हाथ बंटाने लगा, रवि कुमार बहुत ही गरीब परिवार से था, उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ साथ अपने पिता का खेती बाड़ी में भी हाथ बंटाया और अपनी आईएस की परीक्षा को क्लियर किया, राव ने पूरे भारत में 18 वि रेक लाकर अपने पिता का नाम रोशन किया है, रवि कुमार की पढ़ाई की शुरुआत एक छोटी सी सरकारी स्कूल में हुई थी क्योंकि उनके कुल चार भाई बहन थे, उनमें से रवि कुमार सबसे छोटा छोटा था।
रवि कुमार के पिता ने कभी भी रवि को गरीब महसूस नहीं होने दिया क्योंकि रवि को जो भी चाहिए था, उनके पिता ला कर देते थे, रवि ने सरकारी विद्यालय में 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी। आइए हम आपको बताते हैं कि रवि कुमार को आईएएस बनने की प्रेरणा किसने दी।
श्रीगंगानगर में रहने वाले रवि कुमार जिन्होंने आईएएस का पेपर पास किया है, इनकी उमर मात्र 26 साल है। यह देख कर लोग बातें कर रहे हैं की रवि जैसा युवक पूरे गांव में कोई भी नहीं है। इसने अपने पिता का खेती बाड़ी में हाथ बंटाया और अपने आईएस की एग्जाम पास की और पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया। जब लोग गांव की समस्या लेकर उनके पिता के पास पहुंचते थे तब उनकी खूब तारीफें किया करते थे, यह देखते हुए रवि ने भी ठान लिया कि मैं भी आईएस की तैयारी करूंगा और आगे चलकर कलेक्टर बनूंगा और देश की सेवा करूंगा, जब यह बात गांव वालों ने सुनी तो सभी के सभी लोग यह कहते नजर आ रहे हैं की रवि जैसा मेहनती बच्चा कोई भी नहीं है इसने अपने सपनों को संपन्न कर दिखाया।
Related Articles
These articles might be interesting for you as well: