3 दोस्त जिनको चाय की टपरी पर समोसे की दुकान खोलने का आईडी आया, अब सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए, अब तक 25 लोगों को रोजगार दे चुके

‘ठग्गू के समोसे’ : जयपुर के तीन मित्रो ने मिलकर शुरू किया, आज हो रहा है सालाना 2 करोड़ का कारोबार, जाने इस समोसे के क्या है खासियत

by NEHA RAJPUT

3 दोस्त जिनको चाय की टपरी पर समोसे की दुकान खोलने का आईडी आया, अब सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए, अब तक 25 लोगों को रोजगार दे चुके

राजस्थान में राजधानी जयपुर ठग्गू के समोसे बहुत फेमस है। जयपुर का हर निवासी ठग्गू के समोसे बहुत चाव से खाता है। एक मोहल्ले के 3 दोस्त जिन्होंने समोसे की खट्टी मीठी यादों को कि आज अपना भविष्य बना लिया। जयपुर के ठग्गू के समोसे का स्वाद बहुत अच्छा है। जयपुर की वह गली जहां एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि पूरे 14 प्रकार के समोसे मिलते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि यह समोसे का स्वाद लोगों की जुबां पर कैसे चढ़ा और कैसे तीन दोस्तों ने सड़क पर समोसे बेचकर आज करोड़ों का बिजनेस खड़ा किया।

शुरू में बेचे सड़क पर समोसे

image source- dainik bhaskar

मुकेश गोल्या, पावस नागपाल और विकी तीनों की दोस्ती एमबी के बात मार्केटिंग की जॉब के दौरान हुई। एक दिन जब तीनों चाय के स्टॉल पर बैठे-बैठे सोच रहे थे कि समोसे में केवल आलू की स्टाफिंग क्यों करते हैं क्यों न स्टाफिंग में कुछ और ट्राई किया जाए। लोगों को समोसे का नया स्वाद चखाया जाए फिर क्या तीनों ने अपनी आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया। मार्केट रिसर्च के बाद नए साल के पहले दिन घर पर ही 12 प्रकार के 60-70 समोसे तैयार किए गए तीनों दोस्तों ने सड़क पर समोसे बेचे। मुकेश गोल्या ने कहा कि 10 मिनट में सारे समोसे बिक गए।

इस शुरुआत में सबसे अहम बात थी समोसा खाने वाले इस सेल से उत्साहित हो। अगले दिन हमने मेरे दोस्त जो वैशाली नगर में रहता था उसकी गैराज को जाने वाले 8X8 के रास्ते से ही अपनी समोसे दुकान शुरू की और यहीं से अपनी बिजनेस की शुरुआत भी। इस बिजनेस को संभालने वाले तीन दोस्तों में से दो दोस्तों ने अपनी जॉब छोड़ दी इनका सालाना पैकेज था 8 लाख रुपए अपनी आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए इन्होंने जॉब छोड़ दी 3 लाख रुपए बैंक से लोन लेकर सेटअप तैयार किया और एक दुकान ली जहां 12 प्रकार के समोसे बेचते थे। आज जयपुर में हमारी 4 ब्रांच है जहां 14 वैरायटी के समोसे मिलते हैं।

आखिर ठग्गू नाम क्यों पड़ा
पावस नागपाल का कहना है कि हम सब बिजनेस को नाम देने के लिए नाम सोच रहे थे और अचानक दिमाग में "ठग्गू"नाम आया। ठग्गू का मतलब है जिसका स्वाद सब को ठग ले। यह ऐसा वर्ड है जो लोगों की जुबां पर आसानी से आ गया यहीं से ही ठग्गू समय से की शुरुआत हुई जो आज एक ब्रांड बन गया है। जयपुर के मालवीय नगर, वैशाली नगर, भांकरोटा मानसरोवर में इसकी एक ब्रांच है। इसकी मेगा किचन वैशाली नगर में है। समोसे की स्टाफिंग यहीं से होकर तीनों ब्रांच तक पहुंचाई जाती है। ट्रेडिशनल समोसे में आलू किस टाइपिंग होती है।

सालाना 2 करोड की इनकम
इस दुकान पर एक समोसे की कीमत है ₹20 इन चारों ब्रांच पर 1 दिन में लगभग 3000 समोसे की बिक्री होती है। मुकेश के अनुसार सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए है। इस बिजनेस से इन्होंने 25 लोगों को जो थी जिसमें महिलाएं भी हैं। बिजनेस में ब्रांड करने के बाद पार्टनर्स ने बिजनेस मॉडल भी तैयार कर लिया है। जल्दी इसकी ब्रांच अजमेर और लखनऊ में भी खुलेंगी।

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