संसद भवन पर लगाए गए अशोक स्तंभ को बताया स्वतंत्र भारत का शेर, अभिनेता अनुपम खेर ने कहा- जरूरत पड़ी तो दांत से काट भी सकता है...
राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ के अनावरण के बाद इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया, लोगों ने कहा अशोक स्तंभ मत बदलो.. अनुपम खेर ने ट्वीट कर लिखा कि....
by NEHA RAJPUT
दोस्तों संसद भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ के अनावरण के बाद इसे लेकर विवाद सामने आया है। सोशल मीडिया पर "अशोक स्तंभ मत बदलो" ट्रेन में चल रहा है, लोगों का मानना है कि पहले शांतिप्रिय और मोहक शेर थे लेकिन अब जो लोगों बनाया गया है इसमें वह बहुत हिंसक है। इस विवाद को लेकर एक्टर अनुपम खेर ने भी ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
एक्टर ने ट्वीट कर लिखा कि अरे भाई.. शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही आखिरकार स्वतंत्र भारत का शेर है। जरूरत पड़ी तो काट भी सकता है जय हिंद। अनुपम खेर ने कैप्शन के साथ एक वीडियो भी पोस्ट की जिसमें अशोक स्तंभ दिखाई दे रहा है।
नई संसद भवन की शीश पर राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर विवाद सेंटर में मुख्य रूप से उभरा है क्योंकि अपोजिशन लीडर्स ने नए अशोक स्तंभ पर ऑब्जेक्शन किया है, इनका कहना है कि शेर पहले जैसा नहीं दिखता है, इन्होंने आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि संसद भवन के शेर को आक्रामक रूप से दिखाया गया है इसके दांत को नुकीला कर अलग से दिखाया गया है।
9,500 किलोग्राम कांस्य प्रतीक को डिजाइन करने वाले आर्टिस्ट सुनील देवरे और रोमीयल मूसा ने कहा कि ओरिजिनल डिजाइन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है उन्होंने कहा शेर अलग दिखता है क्योंकि फोटो अलग तरह से ली गई है, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा कि यह अंतर दो संरचनाओं की ऊंचाई और पैमाने के अंतर के कारण है। आम आदमी पार्टी ने भी शेरों के आक्रामक रूप को अस्वीकार किया है और कहा है कि कि किसी भी तरह की कांस्टीट्यूशनल हेरिटेज के साथ छेड़छाड़ की अनुमति किसी को नहीं है।
कांस्य के इस राष्ट्रीय प्रतीक की ऊंचाई 6.5 मीटर है इसका वजन नो हजार 500 किलोग्राम है स्टाफ को दो हजार से ज्यादा एंप्लाइज ने मिलकर तैयार किया है।
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