रोया इतना रोया, समझाया फिर भी नहीं माना, बस कहता रहा कि उसे जिंदा कर दो उसे उठा दो! वो मर गई। वीडियो जिसने भी देखा आंखों से नहीं रोक पाया आंसू
यह कहानी 3 साल के बच्चे भव्य चौहान की है जिसका पक्षियों के प्रति इतना प्यार और लगाव देखकर लोग भावुक हो गए और अपने आप को नहीं रोक पाए।
by NEHA RAJPUT
वह उस वक्त रो रहा होता है जब वह मोबाइल में एक छोटे नन्हे पक्षी को देख रहा होता है, जिसकी मां अब यह दुनिया छोड़कर जा चुकी होती है। छोटे पक्षी की मां को देखकर रोते हुए कहता है कि कोई तो उसे उठा दो! अर्थात जिंदा कर दो। मोबाइल को दिखाते हुए कहता है इसकी मम्मा, जब उसे पूछा क्या हुआ तब रोते हुए बोला मर गई। तब उसके पापा उसे चुप करवाने के लिए झूठ बोल कर कहते हैं वह नहीं मरी अभी जिंदा हैं। तब मोबाइल देकर कहता है इससे उठाओ ना। तब अचानक से फिर से कोई घर से आकर इसे यह बोल देता यह तो मर गई। तब उसके पापा उसे से चुप करवाने के लिए उसे बोलते हैं क्या इस पर जादू कर दें और जादू से इसे जिंदा कर देते। और वीडियो को आगे निकाल देते हैं। पर वह नहीं मानता फिर से वीडियो को निकाल कर रोने लग जाता है। और फिर से कहता है उठाओ ना इसे। इस तरह यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहता है। इसे चुप करवाना बेहद मुश्किल हो जाता है परंतु किसी प्रकार इसके मन से यह बात निकालनी पड़ती है और उसे चुप कराया जाता है।
इसी प्रकार नन्हे बच्चों के आजकल सोशल मीडिया पर बहुत से वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें किसी बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो कोई बच्चा अपनी किसी हट के कारण सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है परंतु आज हम जो वीडियो लेकर आए हैं वह इन सबसे हटके है यह वीडियो हमें बेजुबान जानवरों के लिए प्यार और स्नेह की शिक्षा देता है। आप इस वीडियो में देख सकते हैं 3 साल के बच्चे के मन में इन बेजुबान पक्षियों के प्रति दया और स्नेह की भावना भरी हुई है। आप भी अपने बच्चों को इन बेजुबानो से प्यार करना सिखाए।
यह कहानी राजस्थान में झुंझुनू जिले के बसावा ग्राम के भव्य चौहान की है जो कि 3 साल का बच्चा है और पक्षियों के प्रति इस का प्यार और स्नेह आप वीडियो में देख सकते हैं। यह वीडियो शेखावाटी निवासी कुंदन कुमार के ट्विटर अकाउंट @kundank32886388 से लिया गया है।
सच कहते हैं कि छोटे बच्चे भगवान के रूप होते हैं और इनका मन सदैव कोमल और साफ-सुथरा होता है यह भगवान के सच्चे मित्र होते हैं। बच्चे जो भी कहते हैं वह मन से कहते हैं । इसलिए इनकी बातों का कभी कोई बुरा नहीं मानता है। बच्चे किसी के भी हैं कभी भी इनको बुरा भला नहीं कहना चाहिए। क्योंकि वह जो भी सोचते हैं और जो करते हैं अपने मन से करते हैं।
आपको इस छोटे बच्चे भव्य की कहानी कैसी लगी आप हमें अवश्य बताएं।
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