परिवार जो अपने घर को छोड़ने को हुआ मजबूर, अपने पेट डॉग बेली को पीछे ही छोड़ा, महीनों करता रहा इंतजार और फिर..
युद्ध के बीच पालतू को छोड़ा अकेला, चार माह बाद वापस लौटे तो कुत्ता घर पर कर रहा था इंतजार ....
by NIDHI JANGIR
दोस्तों रूस यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के कई लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए थे इसी बीच अधिकतर लोगों अपनी जान बचाकर दूसरे देश भाग गए। लोग अपनी जान बचाने के चक्कर में अपने परिवार वालों और अपने पालतू जानवरों को पीछे ही छोड़ गए। आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं, एक कुत्ता जिसका मालिक अपनी जान बचाकर भाग गया और अपने पालतू डॉग को घर पर ही छोड़ गया।
कुत्ते को शहद हॉस्टोमल में छोड़ गए
इसका मालिक तो मजबूरी में देश छोड़कर भाग गया लेकिन ही है पालतू कुत्ता महीनों तक आज भी अपने मालिक का इंतजार कर रहा है यह धीरे-धीरे मरने की कगार पर पहुंच गया लेकिन फिर भी अपने मालिक का इंतजार करता रहा, खबरों की मानें तो यूक्रेन की रहने वाली 35 साल की कैटरीना अपने पति ऑलेक्सैंडर तथा दो बच्चों के साथ अपने शहर हॉस्टोमल को छोड़कर भागना पड़ा, इनके पालतू डॉग का नाम है हस्की ब्रीड।
मार्च के महीने में इस फैमिली को अपना घर और अपना शहर छोड़ना पड़ा क्योंकि उसमें उनके शहर पर हमला बोल दिया था इसी बीच रूस ने यहां के एयरपोर्ट पर भी कब्जा कर लिया ऐसे में परिवार को मजबूरी में शहर छोड़कर भागना पड़ा इस दौरान उनका कुत्ता पीछे छूट गया।
जल्दी मरने वाला है यह कुत्ता
जब यह परिवार अपना घर छोड़कर गए तो यह Vinnytsia शहर में अपने रिलेटिव के यहां चले गए। यह परिवार अब युद्ध खत्म होने की प्रतीक्षा में है, ऑडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के अनुसार इस परिवार को अपने पेट डॉग की बहुत चिंता रहती थी, इन्हीं लगा कि दिल्ली ठीक होगा लेकिन जैसे-जैसे युद्ध भयानक होता गया उन्हें अपने पैसों की चिंता होने लगी, यह लगा कि अब बेली का बचना मुमकिन नहीं है। 4 महीने बाद जब थोड़ा शांत हुआ, तो कैटरीना अपने पूरे परिवार के साथ अपनी होमटाउन वापस आ गई, जब घर आकर सब ने बेली को देखा, तो सबकी आंखों में आंसू आ गए वह बेली की हालत देखकर दुखी हुए, क्योंकि बेली अभी भी उनका इंतजार कर रहा था।
पेट डॉग करता रहा इंतजार
कैटरीना ने कहा बेली को देख कर पूरा परिवार भावुक हो गया, सब अपने पेट डॉग को देखकर बहुत खुश हुए जब सबने बेली के हालत देखी तो वे अपने आंसू रोक नहीं पाए, यहां सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया था, पूरा परिवार दुखी था उन्हें लगा कि बेली नहीं बचेगा लेकिन जब उन्होंने अपने पेट डॉग को जिंदा देखा तो वे सब खुश हुए, इनका पेट डॉग बेली उनका इंतजार करते हुए दरवाजे पर खड़ा था, जब सबने डॉग को देखा तो वे बहुत खुश हुए।
रूस यूक्रेन युद्ध के बीच साइबेरियन हस्की नस्ल का डॉग कहीं छुप गया था और इधर-उधर पड़ी चीजों को खाकर जिंदा रहा डॉग को लगा कि परिवार आसपास है इसलिए वह उनका वेट करता रहा, जब सारा परिवार घर आया तो वह उनके स्वागत के लिए दरवाजे पर ही खड़ा था।
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