माता पिता ने कहा हम वजन में भारी तुम इतनी दूर कंधे पर बिठाकर यात्रा कैसे करा पाओगे, चंदन ने कहा माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है..

बिहार का ‘श्रवण कुमार’- माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा पर निकला पुत्र चंदन, पत्नी भी दे रही साथ

by SUMAN CHOUDHARY

माता पिता ने कहा हम वजन में भारी तुम इतनी दूर कंधे पर बिठाकर यात्रा कैसे करा पाओगे, चंदन ने कहा माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है..

सावन के महीने के शुरू होने के कुछ समय बाद सड़कों पर शिव भक्त कांवड़ियों की कतार लग गई है। इसी बीच अनोखे दृश्य देखने को मिल रहे हैं। पुत्र चंदन कुमार अपने पिता और माता को कावड़ में बैठा कर यात्रा पर निकल पड़ा है। यह जहानाबाद का रहने वाला है लोग इसे वर्तमान का श्रवण कुमार बता रहे हैं। कावड़ को आगे की ओर से चंदन ने तो पीछे की ओर से पत्नी रीना ने पकड़ रखा है। अजब गजब के दृश्य को देखने के लिए लोगों की भीड़ एकत्र हो गई है।

चंदन अपने माता पिता को बाबा धाम देवघर ले जा रहा है चंदन का कहना है कि मेरे मन में विचार आया कि मैं अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा करवा हूं। पिता का नाम जगन्नाथ साह और माता का नाम मीना देवी है। चंदन अपनी पत्नी और अपने बच्चों के साथ अपने माता पिता को सुल्तानगंज से गंगा जल भरने के बाद कंधे पर लेकर पैदल यात्रा कर रहा है। कच्ची कावड़िया पद के इलाके के अलावा पूरे एरिया में चंदन की वाहवाही हो रही है।

माता-पिता ने मना किया फिर भी चंदन ने करवाई तीर्थ यात्रा
चंदन का कहना है कि कावड़ पर बैठा कर अपने कंधों पर उठाकर चलाने से माता-पिता ने मना किया था, माता-पिता ने कहा कि हम दोनों का वजन भारी है तुम्हें परेशानी होगी, तुम हम दोनों को बैठाकर इतनी दूर यात्रा कैसे कर पाओगे। इसके बाद चंदन ने अपने माता पिता को समझाया और वह मान गए। इसके बाद चंदन सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर को निकला। चंदन ने कहा कि माता-पिता की सेवा करना ही सच्चा धर्म है। उन्हीं के चरणों में सारा संसार है। चंदन के माता-पिता ने कहा भगवान ऐसा बेटा सबको दे।

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