जम्मू कश्मीर: आतंकियों ने जिसे धर्म पूछकर मारी गोली, अनाथ मुस्लिम लड़की का उठाती थी स्कूल खर्च! जानकर बहुत...
सिखअध्यापिका से उसका धर्म पूछकर मारी गोली उस समुदाय के लोगो ने कही ये बात...
by SNEHA SHARMA
कुछ समय पहले श्रीनगर में एक स्कूली अध्यापिका को उसका धर्म पूछकर उसकी ह'त्या कर दी गई। आ'तंकवादियों ने एक सरकारी स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्य कर रही सुपिंदर कौर से उनका धर्म पूछकर उनको गो'ली मारकर उनकी हत्या कर दी। यह स्कूल श्रीनगर के अलोचीबाग में स्थित है। ये अपनी फैमिली के साथ यहाँ रहती थी। इनके पति का नाम आरपी सिंह है और इनके एक 11 साल की बेटी और 4 साल का बेटा भी है। जो इनके साथ रहते थे इस घटना के बाद सिख समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर काफी भयभीत है। लेकिन इस हमले में मारी गई प्रिंसिपल सुपिंदर कौर बहुत ही अच्छे दिल की औरत थी। इस चीज का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। कि उनके पड़ोस में एक मुस्लिम अनाथ लड़की रहती थी। जिसका पढ़ाई का खर्च सुपिंदर कौर ही उठाती थी। उनकी हत्या के बाद 46 वर्षीय प्रिंसिपल के लिए एक बैनर लगाया गया है। जिस पर लिखा गया है कि “एक मुस्लिम लड़की ने सीखें गॉडमदर खो दी”।
इसके साथ ही उन्होंने एक स्कूल में काम करने वाले व्यक्ति की भी सहायता की उस व्यक्ति का शहर के किसी अस्पताल में डायलिसिस हो रहा था। उनके इतने अच्छे काम होने के बावजूद भी इनके पति यही चाहते है। कि इन सारे कामों को लोगों को ना बताया जाए वह कहते हैं। यह मेरे और उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। उनकी बेटी जसलीन कौर इनकी उम्र 11 वर्ष है और बेटा जसजीत सिंह जिनकी उम्र 4 साल है। वे अभी भी सदमे में है और अपनी मां की मौ'त को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। इस घटना ने घाटी में रहने वाले 1.5 लाख सिखों को बुरी तरह से भयभीत कर दिया है और एक सवालिया निशान लगा दिया है इससे पहले भी कई आतंकवादी हमलों का सामना करने के बावजूद भी इस समुदाय ने यहां पर रहने का ही फैसला लिया। वर्ष 2000 में आ'तंकवादियों द्वारा 36 सिखों की ह'त्या कर दी गई थी। लेकिन एक स्कूली शिक्षक को उसका धर्म पूछ कर उसकी ह'त्या कर देना यह एक चिंता का विषय बन गया है।
वहां के लोगों का कहना है राजनेता और अधिकारी हमें यही कहते हैं। कि आपको सतर्क रहना चाहिए लेकिन शिक्षिका की मौ'त के बाद वह कह रहे हैं। कि इसका क्या मतलब है कि एक अध्यापक की दिनदहाड़े गो'ली मारकर हत्या कर दी जाती है। इस बात से लोगों में क्या संदेश जाता है समुदाय के लोगों का कहना है। कि हमने पहले कई आ'तंकी हमले होने के बावजूद यही फैसला किया है। कि हम यही रुकेंगे क्योंकि यहां पर हमारे घर है लेकिन जब इस तरह के हादसे होते हैं तो यह दिलों को झकझोर कर रख देते हैं।
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