जांबाज मां अपने मासूम बच्चे के लिए बाघ से 20 मिनट तक लडती रही, फेफड़े तक घुसे नाखून...लेकिन हार न मानी!

एक मां बाघ से लड़कर अपने बच्चे को बचा लाई, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल से लगे एक गांव की कहानी, जिसका नाम रोहनिया ज्वालामुखी है..

by MUSTKIM CHOPDAR

जांबाज मां अपने मासूम बच्चे के लिए बाघ से 20 मिनट तक लडती रही, फेफड़े तक घुसे नाखून...लेकिन हार न मानी!

MP के जिला उमरिया में मां और बच्चे के साथ ऐसी घटना सामने आई है, जिसे जानकर लोग बच्चे की मां को बहादुर योद्धा व शक्तिशाली कह रहे हैं और सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं, यह घटना सुबह की है एक बाघ ने 15 माह के बच्चे को अपने जबड़े में उठाकर ले जाने की कोशिश में था, उसी वक्त मां की नजर उस बाघ पर पड़ी जो उसके बच्चे को जबड़े में दबाकर भागने का प्रयास कर रहा था। 

यह वाक्य दिन के 11:00 बजे का है, जैसे ही मां की नजरो ने  बाघ को बच्चे को ले जाते देखा और तुरंत ही उसके सामने आ खड़ी हुई, मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई योद्धा नहीं है और उसी मां से उसका बच्चा कोई नहीं छीन कर ले जाए ये संभव नहीं, मां अपने बच्चे को बाग के जबड़े से छीन लेने के लिए बाघ से भीड़ गई, और बच्चे की मां ने हिम्मत और हौसला दिखाते हुए बाघ के जबड़ों से छुड़ाकर ले आई, लेकिन इस घटना के होने के कारण मां और बच्चे दोनों घायल हो गए। फिलहाल मां और बच्चे, दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और दोनों को काफी ज्यादा गंभीर चोटें आई है।

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आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि इस पूरी घटना में मां और बच्चे दोनों बुरी तरह से घायल हो गए हैं, और इनके बेहतर इलाज के लिए दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया गया है, यह घटना रविवार सुबह 11:00 बजे की है, इस घटना के होने के कारण पूरे गांव में सनसनी फैल गई है, और काफी ज्यादा मात्रा में लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी, इस भयानक घटना को देखने और सुनने के बाद उस गांव वाले लोग दहशत में है।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव में सुबह तक सब अच्छा चल रहा था और कुछ भी ऐसा वैसा नहीं था, और लोग अपने-अपने दैनिक कार्यो में व्यस्त थे, इसी वक्त लगभग दिन के 11:00 बजे अचानक से बाघ झाड़ियों में छिपा हुआ था और अचानक से भोला प्रसाद के घर के पीछे हमला कर दिया, भोला प्रसाद के घर के पीछे बच्चे खेल रहे थे और बाघ बच्चे पर हमला करने की कोशिश में था, जैसे ही बाघ को मौका मिला तो वह बच्चे को अपने जबड़े में उठाकर भागने लगा, और उसकी मां ने जैसे देखा वह बच्चे को बचाने के लिए सामने आ गई और बाग से भीड़ गई, उसके बाद बाघ ने बच्चे को छोड़कर मां अर्चना पर ऊपर हमला कर दिया, और बाघ ने अपने नुकीले दांतो से अर्चना को नोचने और घसीट ने लगा, इस भिडंत के होने के बावजूद भी मां अर्चना बाघ से लड़ती रही, आखिरकार मां अपने बच्चे को बचाने में सफल हो गई और मां की ममता की ताकत के आगे बाघ दुम दबाकर भागने को मजबूर हो गया।

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