इंसानों और केले के डीएनए में लगभग 60% समान होते है वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है।

क्या आप जानते हैं कि इंसानों और केले के डीएनए में लगभग 60% समानता होती है? यह सुनकर अजीब लगता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है।

by PARVEEN NEHRA

इंसानों और केले के डीएनए में लगभग 60% समान होते है वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है।

इंसानों और केले के डीएनए (DNA) में लगभग 60% समानता पाई जाती है

इंसानों और केले के डीएनए (DNA) में लगभग 60% समानता पाई जाती है। इसका कारण यह है कि सभी जीवों का विकास एक समान आनुवंशिक संरचना से हुआ है, और हम सब एक ही मूल से विकसित हुए हैं। हालांकि, यह समानता केवल बेसिक बायोलॉजिकल फंक्शन्स (जैसे सेल डिवीजन, प्रोटीन निर्माण आदि) में होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंसान और केला एक जैसे हैं।

डीएनए की यह समानता यह दर्शाती है कि पृथ्वी पर जीवन कैसे आपस में जुड़ा हुआ है और सभी जीव-जंतु किसी न किसी रूप में एक-दूसरे से संबंधित हैं 

इंसानों और केले के डीएनए में समानता क्यों?

भले ही इंसान और केला दो अलग-अलग जीव हैं, लेकिन सभी जीव-जंतु और पौधे एक ही मूल विकासवादी प्रक्रिया (Evolutionary Process) से गुजरे हैं। इसका मतलब यह है कि किसी समय पर, इंसान और केले का विकास एक ही सामान्य पूर्वज (Common Ancestor) से हुआ होगा।

इस समानता का कारण यह भी है कि इंसान और केला दोनों ही कोशिका विभाजन (Cell Division), प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) और ऊर्जा उत्पादन (Energy Production) जैसी बुनियादी जैविक प्रक्रियाओं को साझा करते हैं। यही कारण है कि हमारे डीएनए में 60% समानता देखी जाती है।

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