इन पिताओं के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में लड़का और लड़की में भेदभाव का अंतर मिटाने की एक बहुत ही खुबसूरत पहल.....

पिता भंवर लाल जी ढाका ने अपनी दो बेटियों प्रियंका और सुमन की डीजे के साथ पूरे गांव में बिंदोरी निकाली, जिससे समाज में गया एक अच्छा संदेश....

by NEHA RAJPUT

इन पिताओं के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में लड़का और लड़की में भेदभाव का अंतर मिटाने की एक बहुत ही खुबसूरत पहल.....

दोस्तों सोशल मीडिया पर आए दिन हजारों वीडियोस अपलोड की जाती है कुछ वीडियोस ऐसी होती हैं जो लोगों के दिलों को छू जाती है आज हम आपको एक ऐसी ही खबर सुनाने वाले हैं जिसे देख आप खुश होने वाले हैं।
वर्तमान समय में समाज प्रगति की राह पर बढ़ रहा है बेटियों को भी बेटों के समान दर्जा मिल रहा है। जो अपने समाज के लिए एक अनूठी पहल है। समाज को एक ऐसा ही संदेश इस परिवार ने भी दिया है। यह खबर है नवलगढ़ विधानसभा के गांव पबाना की। जहां पिता भंवर लाल जी ढाका ने अपनी दो बेटियों प्रियंका और सुमन की डीजे के साथ पूरे गांव में बिंदोरी निकाली। पिता ने कहा कि मेरे लिए मेरी बेटी और बेटे एक समान है। समाज को भी यही संदेश देना चाहता हूं कि बेटी और बेटे में भेदभाव न करके उन्हें भी समानता का दर्जा दिया जाए।

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पिता ने बताया कि मेरी दोनों बेटियों की शादी 14 फरवरी के दिन होगी। इस खुशी के मौके पर परिवार वाले तो थे ही साथ में  रिश्तेदार व गांव के लोग भी शामिल हुए। इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज को जागरूकता का संदेश मिलता है। बेटा-बेटी के समानता वातावरण का निर्माण होता है।

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आप सब जानते हैं की दूल्हे को ही घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में बिंदोरी निकाली जाती है। ऐसी नई सोच और कार्यों के द्वारा ही समाज में अच्छा संदेश जाएगा, इसके लिए बेटियों को भी घोड़ी पर बैठा कर बिंदोरी निकालने की नई सोच को हमारी ओर से सलाम। ऐसे में समाज को संदेश मिलता है कि बेटी और बेटे बराबर है।

फतेहपुर शेखावाटी में लाडो की घोड़ी पर धूमधाम से निकाली बिंदोरी

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कस्बे के मंडावा रोड गौशाला के नजदीक बजरंग लाल सैनी ने अपनी बिटियाँ अलका की घोड़ी पर बैठाकर धूमधाम से नाचते गाते हुए बिंदोरी निकालकर समाज में लड़का और लड़की का अंतर मिटाने की एक पहल की।

बिटियाँ की निकाली घोड़ी पर बिंदोरी

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झुंझुनू जिले के गांव चूड़ी मियांन अपनी बेटी अनिता कुमारी की शीशराम ढेड़वाल ने की घोड़ी पर बैठाकर गाजे बाजे के साथ बिंदोरी निकाली और समाज को एक अच्छा पैगाम दिया कि आज के जमाने मे भी बेटा ओर बेटी को समानता का अधीकार दिया है।

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