एक बहन ने पिता की मौत के बाद संभाला दो भाइयों को, अब दोनों भाइयों ने 1 करोड का दिया मायरा, चुनरी ओढ़ाई डॉलर सजी

नागौर जिले में जायल-खियाला नाम का एक गांव है, जो मायरा देने के नाम से जाना जाता है और वहां की मायरो के गीत गाए जाते हैं,

by MUSTKIM CHOPDAR

एक बहन ने पिता की मौत के बाद संभाला दो भाइयों को, अब दोनों भाइयों ने 1 करोड का दिया मायरा, चुनरी ओढ़ाई डॉलर सजी

अगर अब हम बात करे इस क्षेत्र की तो यह क्षेत्र पूर्वजों के समय से ही मायरा देने में काफी प्रसिद्ध हुआ है और आज भी यही पहचान बनाए हुए हैं, लोगों ने इस क्षेत्र की पहचान को कभी मिटने नहीं दिया है और इस पहचान को बनाए रखने के लिए लोगों ने कई बड़े-बड़े भात भरे हैं, उसी क्षेत्र में गुरुवार के दिन ऐसा ही मायरा सोनेली में भरा गया है, जिसके द्वारा यह मायरा भरा गया है, वह राजोद निवासी गोदारा परिवार के सदस्य मुकेश गोदारा पुत्र हजारीराम ने अपनी बहन जिनका नाम संतोष पोटलिया है, जो कि सोनाली की रहने वाली है, जिनके बेटे आकाश की शादी से पहले मायरा भरा गया है,

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अब हम बात करें कि उन्होंने मायरा कितने का भरा है तो उन्होंने इस मौके पर लगभग 71 लाख नगद और 75 तोला सोना व 5 किलोग्राम चांदी के गहने करवा कर दिए हैं और अपनी बहन को चुनरी ओढ़ाई है जो की पूरी डॉलर से सजी हुई है।

अब बात करें उस गांव के रीति-रिवाजों की तो, रस्म के अनुसार गांव की महिलाओं को भी कुछ ना कुछ देना होता है, जिसके लिए उन्होंने गांव की महिलाओं को भी डोलरो से सजे हुए वस्त्र दिए है, जिसके कारण पूरे गांव और पूरे जिले में यह चर्चित विषय बन चुका है, इस मायरे ने एक बार फिर से नरसिंह जी के जमाने की याद दिला दी और यह साबित कर दिया कि आज भी वैसे मायरे भरे जा सकते हैं। क्योंकि इस जमाने में लोग इतना ज्यादा मायरा नहीं देते हैं।

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इन लोगों के इतना ज्यादा मायरा देने से जायल गांव की पहचान ओर भी ज्यादा बढ़ गई है और पूरे जिलावासियों के सामने इस गांव की काफी वाहवाही हो रही है। लोग कह रहे हैं कि आज तक गांव की महिलाओं को लोगों ने सही से पहनने लायक कपड़े भी नहीं दिए हैं, जबकि इस बार डॉलर से सजे हुए वस्त्र दिए गए हैं।

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