पत्नी को गले लगाया- बोले मैं जा रहा हूं, बेटी को फौजी नहीं डॉक्टर बनाना...

वो 18 घंटे…हमने सारी रात रो-रोकर बिताई, बेटी का माथा चूमकर कहा- इसे डॉक्टर बनाना, फौजी नहीं..! कॉन्स्टेबल नरेश अपने साथियों के परेशान करने की वजह से खु

by SUMAN CHOUDHARY

पत्नी को गले लगाया- बोले मैं जा रहा हूं, बेटी को फौजी नहीं डॉक्टर बनाना...

यह कहानी है सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल नरेश जाट की।
जिनकी कहानी सुनकर हर कोई दुखी हो रहा है, दरअसल इन्होंने 11 जुलाई को अपनी राइफल से खुद को गो'ली मारकर अपनी जान ले ली। मरने से पहले इन्होंने अपने ऑफिसर और अन्य कॉन्स्टेबल साथियों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया, सोशल मीडिया पर इनकी वीडियो वायरल हुई तो हर किसी का दिल द'हल उठा। अब लोग इनकी फोटो शेयर कर इनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

नरेश सूरतगढ़ में अपनी ड्यूटी दे रहे थे, ये परेशान थे कि उनके ऑफिसर उन्हें परेशान कर रहे हैं। उनकी जगह क्वार्टर में अकेले रह रहे जवान को भेज सकते थे, सूरतगढ़ में उनके एक साथी जवान के साथ उनका झगड़ा भी हुआ था उनके साथी ने उनके हाथ पर काट लिया इसकी शिकायत उन्होंने डीआईजी से की तो उन्होंने नरेश को ही फटकारा और कहा कि तुम खुद को बहुत बड़े गुंडे समझते हो, इसका एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है नरेश ने जब छुट्टी की मांग की तो इसके लिए भी उन्होंने मना कर दिया।

नरेश की पत्नी उर्मिला ने कहा कि इन्होंने जाते-जाते बेटी का माथा चूमा कहा कि इसे डॉक्टर बनाना, फौजी मत बनाना। इनके जाने के बाद हमने पूरी रात रो-रो कर निकाली, बेटी तो रोते-रोते ही सो गई, बस रट लगा रही थी कि पापा कहीं मत जाओ। हम तीनों एक-दूसरे से गले लग कर रोए थे। वह अचानक कमरे में चले गए और खुद को गोली मार ली, इससे पहले नरेश ने मुझसे वीडियो बनाने की बात कही थी तो यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और मेरे हाथ कांप रहे थे।

कांपते हाथों से मैंने वीडियो बनाया, वीडियो में नरेश ने कहा यह मेरा आखिरी राम-राम है। मैं खड़ी सिर्फ वीडियो बना रही थी, मेरा दिल दहल रहा था आंखों से आंसू निकल रहे थे, हम पूरी रात नहीं सोए, बस रोते रहे। हमने साथ बैठकर चाय पी ली लेकिन खाने का एक निवाला भी नहीं खा सके। वे मेरे गले लगे और मुझसे कहा-मैं जा रहा हूं। मैंने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने। मैंने उन्हें कहा ऐसा मत करो मेरा संसार मत उजाड़ो मैं अकेली बेटी को कैसे संभालूंगी। लेकिन वह इतने दुखी थे कि वह नहीं माने। जब वे कमरे में गए तो मैं उनके पीछे दौड़ी लेकिन वे फिर भी नहीं रुके। मेरे चीखने चिल्लाने के बाद भी उन्होंने खुद को गोली मार ली।

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