छः महीने से भिखारी बनकर घूम रहा था सड़क पर, निकला करोड़ों का मालिक

ईश्वर का खेल निराला है कभी किसी को रंक से राजा बना दे, तो किसी को राजा से रंक। कुछ ऐसा ही हुआ है तमिलनाडु के रहने वाले मुथैया नादर के साथ जो करोड़पति...

by SNEHA SHARMA

छः महीने से भिखारी बनकर घूम रहा था सड़क पर, निकला करोड़ों का मालिक

हम सड़क चौराहों, गलियों में जगह-जगह लोगों को भीख मांगते देखते हैं। जिनमें बच्चों से लेकर महिलाएं और वृद्ध भी होते हैं। इनमें से बहुतों की तो मजबूरी होती है, लेकिन कई लोग ऐसे भी पकड़े गए हैं जिन्होंने भीख मांगना ही पेशा बना लिया है। बाकायदा वह लोग अपना गिरोह चलाते हैं, जिनमें मासूम बच्चों से लेकर महिलाएं तक होती हैं। ज्यादातर लोग किसी ने किसी मजबूरी के चलते ही भीख मांगने के लिए विवश होते हैं। इनमें से कई लोग शारीरिक अपंगता के चलते काम नहीं कर पाते तो कुछ मानसिक बीमार होते हैं। ऐसे में उनका भीख मांग कर ही पेट भरता है।

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लेकिन आप सपने में भी नहीं सोच पाएंगे कि एक भीख मांगने वाला व्यक्ति करोड़पति भी हो सकता है। लेकिन यह सच्ची घटना यूपी के रायबरेली से सामने आई है। रायबरेली के लालगंज में एक व्यक्ति खाने की खोज में गली-गली भटकता रहता था, शायद वह मानसिक रूप से बीमार था। लोग उसके फटे हाल स्थिति को देखकर उसे खाने के लिए कुछ ना कुछ दे दिया करते थे।

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इस व्यक्ति को लेकर कोई सोच भी नहीं सकता था कि यह सभ्य और संपन्न घर से ताल्लुक रखता है। दरअसल एक बार कुछ लोगों के द्वारा ऐसे भिखारियों को नहलाकर अच्छे कपड़े पहना कर आश्रम में भेजा जा रहा था। जहां इनकी अच्छे से देखभाल हो सके। इसी दौरान जब भिखारी को नहलाया जा रहा था तो उसके पास से एक बैग मिला। बैग खोलते ही सारे लोग दंग रह गए। उसकी हकीकत जान कर वहां खड़े लोगों को यकीन ही नहीं हुआ के यह भिखारी नहीं बल्कि करोड़पति है।

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उस भिखारी के बैग से एक करोड़ 6 लाख 92 हजार के फिक्स्ड डिपॉजिट की रसीद मिली। इसके अलावा तिजोरी की चाबी के साथ उसका आधार कार्ड मिला। जिससे उसकी पहचान मुथैया नादर पुत्र सोलेमन के रूप में हुई। आधार कार्ड पर उसका पता 240 बी नॉर्थ  थेरू सीधेयूर पुकुली तिरुनेलवेली तमिलनाडु 627252 लिखा हुआ था। उसके पास मिले दूसरे दस्तावेजों में उसके घर का टेलीफोन नंबर की था।

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भिखारी के पास मौजूद टेलीफोन नंबर पर जब  उसके परिजनों से संपर्क हुआ तो वह उस भिखारी के बारे में जानकार हैरान रह गये दरअसल वह सज्जन जुलाई में ट्रेन यात्रा के दौरान भटक गया था। आशंका जताई गई कि जहरखुरानी का शिकार होने के चलते वह मानसिक संतुलन खो बैठा था।

मुथैया नादर के बारे में सूचना मिलने पर उसके परिवारजन हवाई जहाज से उसे वापस अपने घर ले गए। उन्होंने मदद के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

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