2 बेटियों ने यूक्रेन का भयानक दृश्य दिखाया अपने फोन पर, कहां पता नहीं की डिग्री लेकर आऊंगी या फिर मर जाऊंगी

हरदोई की दो बेटियों ने फोन पर सुनाया यूक्रेन का मंजर

by SNEHA SHARMA

2 बेटियों ने यूक्रेन का भयानक दृश्य दिखाया अपने फोन पर, कहां पता नहीं की डिग्री लेकर आऊंगी या फिर मर जाऊंगी

रूस और यूक्रेन दोनों देशों के युद्ध के चलते पूरी दुनिया में डर का माहौल बना हुआ है। दोनों देशों के युद्ध के चलते देश के कई स्टूडेंट्स जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे वहीं फस कर रह गए हैं। इन छात्रों में से 2 छात्राएं उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई की भी है। दोनों छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई थी। जैसे ही युद्ध की स्थिति का पता चला तो दोनों बच्चियों के परिवार घबरा गए। इसके बाद परिवार वालों ने दोनों बच्चियों से व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए फोन पर बातचीत की। उन दोनों ने यूक्रेन के भयानक दृश्य से अपने माता पिता को भी रूबरू कराया। तभी से दोनों परिवार अपनी बच्चियों की सुरक्षा को लेकर काफी परेशान है।

Image source - Google search

उत्तर प्रदेश के एक हरदोई जिले के सांडी ब्लाक के पूर्व प्रमुख महेंद्र सिंह यादव की बेटी व अरवल थाना क्षेत्र के तेरा पुरसौली गांव की प्रमुख वैशाली यादव है। यह यूक्रेन में फंसी हुई है। पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही एक डॉक्टर बनना चाहती थी आगे उन्होंने कहा कि वह एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए 3 साल पहले ही यूक्रेन चली गई थी ऐसे में परिजनों ने उसे घर वापस आने की सलाह दी थी तभी उसने 23 फरवरी बुधवार के दिन इंडिया आने वाली फ्लाइट की टिकट बुक की थी लेकिन युद्ध के चलते एयरपोर्ट की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई थी इस कारण वह इंडिया नहीं आ सकी और अब परिजनों की बेटी से फोन पर ही बात होती है।

महेंद्र सिंह ने बताया कि उनका एक बेटा और चार बेटियां हैं, वैशाली अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। दूसरे नंबर वाली बेटी मुस्कान बनारस में बीएएमएस की पढ़ाई रही है। बेटा कार्तिकेय यादव दिल्ली पब्लिक स्कूल लखनऊ में हाई स्कूल में पढ़ रहा है। आगे इन्होंने बताया कि बेटी वैशाली सितंबर 2021 को चली गई थी। वह इवानो फ्रैंकिव्स्क राष्ट्रीय चिकित्सा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है।

महेंद्र जी ने कहां की यूनिवर्सिटी से केवल 7 किलोमीटर दूर ही मिलिट्री कैंप है। वह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ही रहती है। आगे उन्होंने बताया कि दोपहर 3:00 बजे बेटी से बात हुई थी उसने कहा कि यहां लगातार बम विस्फोट हो रहे हैं हम सब बंकरो में छुपे हुए हैं। आगे वैशाली ने बताया कि सायरन और हूटर की आवाज चारों ओर सुनाई देती है। पिता महेंद्र ने बताया कि नेटवर्क प्रॉब्लम के चलते बेटी से सही से बात नहीं हो पाई। पिता ने भारतीय सरकार से गुहार लगाई है कि वह उनकी बेटी को सही सलामत इंडिया वापस लेकर आएं। मां शशि यादव भी अपनी बेटी के लिए बहुत घबराई हुई है और वे जल्द से जल्द अपनी बेटी से मिलना चाहती है।

उत्तर प्रदेश का जिला हरदोई के रेलवेगंज के रहने वाले डॉक्टर डीपी सिंह की बेटी अपेक्षा सिंह यूक्रेन में नेशनल खरकी यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। डॉक्टर डीपी सिंह ने बताया कि अगस्त 2016 में उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला यूक्रेन के नेशनल खरकी यूनिवर्सिटी में करवाया था। अपेक्षा ने कॉलेज की पढ़ाई इंटरमीडिएट हरदोई के सेंट जेवियर्स इंटर कॉलेज से की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी तभी से वह वहीं रह रही है। उसे डिग्री मिलने में थोड़ा ही समय बचा है । बेटी अपेक्षा ने पिता को कहा कि वह डिग्री लेकर ही इंडिया वापस आएगी या मर जाएगी। अभी इंडिया वापस लौट आना मतलब की डिग्री छोड़ना। अपेक्षा ने कहा कि वह अपनी इतनी सालों की मेहनत बर्बाद नहीं होने देगी। डॉ डीपी ने कहा फिलहाल उनकी बेटी सुरक्षित है।

Related Articles

These articles might be interesting for you as well: