17 साल पहले आई सुनामी में एक बच्ची मलबे में दबी मिली, आईएएस राधाकृष्णन ने बच्ची को पिता की तरह पाला और इसकी शादी करवाई...
आईएस ऑफिसर ने 17 साल पहले अनाथ बच्ची को लिया था गोद, आज पिता का फर्ज किया पूरा....!
by NEHA RAJPUT
दोस्तों कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कुछ ऐसा कर दिखाते हैं जो लोगों के लिए बाद में मिसाल बन जाती है। लेकिन इन लोगों ने यह काम शालीनता और सहजता के साथ किया हुआ होता है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव और आईएएस ऑफिसर श्री राधाकृष्णन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मंडे को आईएएस ऑफिसर जे राधाकृष्णन ने एक ऐसी लड़की की शादी करवाई जो अनाथ है। 2004 में सुनामी के कारण इस ने अपने पेरेंट्स खो दिए। इस काम के बाद लोग इनकी तारीफ किए बिना नहीं रह रहे हैं, सब इनको दयालु इंसान बता रहे हैं।
लगभग 17 साल पुरानी घटना
सुनामी के कारण नागपतिनम जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था इसी सुनामी में सौम्या ने अपने माता-पिता को दिए सौम्या खुद एक मलबे के नीचे दबे मिली थी। इसके बाद मुझे राधाकृष्णन ने सौम्या की जिम्मेदारी खुद ले ली। अब सौम्या 22 साल की हो गई तू आईएएस ऑफिसर राधाकृष्णन ने इसकी शादी करवा दी। शादी के फंक्शन नागपट्टीकम जिले मे ही हुए।
सौम्या की पढ़ाई लिखाई पर ध्यान ध्यान
पिछले 17 सालों से आईएएस राधाकृष्णन सौम्या का ध्यान रख रहे थे उन्होंने सौम्या की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया, पीडीएम कॉलेज फॉर विमेन में इनकी इकनोमिक से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद राधाकृष्णन ने सौम्या की शादी सुभाष नाम के व्यक्ति से करवाई। आईएएस ऑफिसर राधाकृष्णन ने एक पिता की तरह सौम्या का पालन पोषण किया, ये सौम्या की शादी के बाद यह काफी भावुक भी हो गए थे।
आज भी नागपट्टीकम मे ऐसे बच्चों से मिलते हैं
दोस्तों जब सौम्या वेलंकन्नी जिले में दबी मिली थी उस समय यह 5 साल की थी जिसके बाद सोमवार को तुरंत अन्ना इस सत्य गवर्नमेंट होम में शिफ्ट किया गया था तमिलनाडु सरकार द्वारा यह सेंटर शुरू किया था यहां अनाथ बच्चों को रखा जाता था इसी सेंटर में जी राधाकृष्णन ने सौम्या और मीना नाम की बच्चियों को गोद लिया इन्होंने इन बच्चों को पिता जैसा प्यार दिया।आज भी आईएएस ऑफिसर राधाकृष्णन नागपट्टीकम जाते हैं और ऐसे बच्चों से जरूर मिलते हैं।
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