वर्ल्ड का ऐसा नाइट क्लब जिसमें संस्कृत के भजनों पर होता है डांस, यहां केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही मिलता है
संसार का अद्भुत और अनोखा नाईटक्लब जहाँ भजनों और संस्कृत के गीतों पर करते है लोग मनोरंजन....
by NIDHI JANGIR
प्राचीन समय से ही संस्कृत का हमारे देश में हो रहा है लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सुना है कि नाइट क्लब में संस्कृत भजनों पर डांस होता है? आज हम आपको ऐसे ही एक नाइटक्लब के बारे में बताने जा रहे हैं जहां संस्कृत के भजनों पर लोग खुशी से झूमते हैं।
आपने शायद ऐसे नाइट क्लब के बारे में कभी नहीं सुना होगा जहां पर संस्कृत के भजन बजाएं जाते हैं। दोस्तों यह नाइट क्लब अर्जेंटीना के ग्रोव में है। वर्ल्ड के अनोखे इस नाइट क्लब में गणेश शरणम्’, ‘गोविंदा गोविंदा’ ,’जय जय राधा रमन’, ‘हरि बोल’ और ‘हरे कृष्ण’ जैसे गाने बजाए जाते हैं। इस नाइटक्लब में आपको केवल प्योर वेजीटेरियन फूड, पीने के लिए सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रूट जूस मिलता है।
जहां मांसाहारी खाने का नाम तक नहीं लिया जाता। अंग्रेजी के शब्दों की जन्मदाता संस्कृत भाषा है। यह भाषा अपने आप में संपूर्ण है। इस वजह से दुनिया की तमाम संस्कृति संस्कृत को मान्यता देती है संस्कृत भाषा का सम्मान नहीं बल्कि इसे धीरे-धीरे अपना भी रही हैं।
संस्कृत में लिखे हुए हैं ग्रंथ
संस्कृत को देव भाषा के नाम से भी जाना जाता है सभी भाषाओं में सबसे प्राचीन भाषा है। ऋग्वेद ढाई हजार ईसा पूर्व की रचना है यह भी संस्कृत भाषा में लिखा हुआ है। हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिंधी, पंजाबी, नेपाली आदि संस्कृत भाषा से ही उत्पन्न हुई है। वैदिक धर्म के सभी ग्रंथ, तथा बौद्ध धर्म और जैन मत की ग्रंथ भी संस्कृत में लिखे हुए हैं। यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होते हैं।
धीरे-धीरे प्रचलित हो रही है संस्कृत भाषा
स्पेन की मारिया रोशनी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय में समृद्धि हासिल कर प्रोफेसर की डिग्री प्राप्त की है। विश्वविद्यालय के 48 वें दीक्षांत समारोह में आनंदीबेन पटेल ने मारिया को सर्टिफिकेट के साथ गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। मारिया ने मीडिया से बातचीत करते समय का संस्कृत में पीएचडी करूंगी।
कोरोना काल की वजह से दूसरे देशों से आने वाले स्टूडेंट्स कम हो गए 2018-19 के बैच में पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र यूक्रेन के युवाओं का 14 सदस्यीय जत्था संस्कृत सीखने वाराणसी के शिवाला में पहुंचते है। संस्कृत सीखने आए इन युवाओं में रियल स्टेट के बिजनेसमैन, डॉक्टर तथा टीचर्स आदि शामिल होते हैं। साफ शब्दों में कहा जाए तो धीरे-धीरे संस्कृत भाषा की अधिकता बढ़ रही है।
संस्कृत भाषा से बनी रहती है सेहत
संस्कृत भाषा की एक ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जी की सभी मांसपेशियों का यूज़ होता है अमेरिकन हिंदू यूनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाले व्यक्ति में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल आदि रोगों से दूर रहता है। इस भाषा के प्रयोग से तंत्रिका तंत्र भी एक्टिव रहता है।
यह स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। लखनऊ की निशांत कर सब्जी मंडी में सभी सब्जियों के नाम संस्कृत भाषा की है। संस्कृत भाषा को महत्व देते हुए डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने 1949 में देश की भाषा बनाने का संविधान में प्रस्ताव भी रखा था,जो केवल थोड़ी सी अंतर की वजह से ही पास नहीं हो पाया।
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